मालदीव में भारत को बड़ी सफलता मिली है. मालदीव भारत के दो हेलीकॉप्टर और 50 कर्मियों को वहां पर रखने के लिए तैयार हो गया है. पिछले कुछ समय से भारत और मालदीव के बीच में राजनयिक तनातनी चल रही है.
उच्च सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले मालदीव सरकार ने भारत से वहां पर अपने दो एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर और 50 कर्मियों को तुरंत वापस बुलाने के लिए कहा था. ऐसे में भारतीय नौसेना ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन अब मालदीव सरकार ने भारत से कहा है कि वह अपने दो हेलीकॉप्टर वहां पर रख सकता है. इसके साथ ही वहां पर मौजूद 50 भारतीयों की वीजा अवधि बढ़ाने के लिए भी कहा गया है.
मालदीव के साथ तनातनी के बीच ऐसा लग रहा था कि मालदीव भारत के हाथ से निकलता जा रहा है. भारतीय नौसेना इस समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है. भारत राजनयिक के तौर पर कोशिश कर रहा था कि मालदीव के साथ संबंध एक बार फिर सामान्य हों. ऐसे में मालदीव का यह ताजा फैसला उस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
भारत की बात की जाए तो वह हर मुश्किल समय में मालदीव की मदद करता आया है, फिर चाहे वह राजनीतिक संकट हो या दूसरा कोई संकट. पीएम मोदी के ही कार्यकाल में मालदीव में जब पानी का संकट आया था तब भारत ने उसको मदद के तौर पर पीने का पानी मुहैया करवाया था.
हाल के संकट को छोड़ दें तो मालदीव में इंडिया फर्स्ट की पॉलिसी काम करती रही है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस पॉलिसी को बदल कर चाइना फर्स्ट कर दिया. मालदीव और चीन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है. इसके अलावा चीन वहां पर काफी निवेश कर रहा है.