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NIA को झटका, मालेगांव धमाके के दो गवाह पलटे, कहा- ATS ने जबरन लिया था बयान

मालेगांव 2008 धमाकों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को झटका लगा है. इस मामले के दो अहम पुराने गवाह अपने बयान से पलट गए हैं. दोनों गवाहों का कहना है कि पहले दोनों के बयान एटीएस ने दबाव में लिया था.

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मालेगांव धमाके में साध्वी प्रज्ञा आरोपी हैं
मालेगांव धमाके में साध्वी प्रज्ञा आरोपी हैं

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मालेगांव 2008 धमाकों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को झटका लगा है. इस मामले के दो अहम पुराने गवाह अपने बयान से पलट गए हैं. दोनों गवाहों का कहना है कि पहले दोनों के बयान एटीएस ने दबाव में लिया था.

NIA ने लिए दोनों गवाहों के बयान
दरअसल मालेगांव 2008 धमाकों की एनआईए ने दोनों गवाहों के फिर से बयान दर्ज किए हैं. इन दोनों गवाहों के इससे पहले एटीएस ने साल 2008 और 2009 में बयान दर्ज किया था. लेकिन अब के बयान से पहले के बयान में काफी अंतर है. हालांकि एटीएस ने दोनों के बयान कोर्ट के समक्ष भी नहीं रिकॉर्ड किया था.

ATS और NIA को दिए बयान में अंतर
एनआईए ने दोनों गवाहों के बयान दिल्ली में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी से पहले लिया. जो बयान इसी साल मुंबई की मकोका अदालत को भेजी गई. अब अदालत उस पर आगे की कार्रवाई करेगी. एनआईए की मानें तो दोनों गवाहों के अब दिए बयान और पुराने बयान में मेल नहीं खा रहे हैं.

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गवाह अभिनव भारत की मीटिंग जाने से मुकरे
एटीएस के मुताबिक एक गवाह ने अपने बयान में कहा था कि धमाके के सिलसिले में उसने अभिनव भारत की मीटिंग में शिरकत की थी. लेकिन अब एनआईए को दिए बयान को वो इस बात से मुकर गया. उसका कहना है कि एटीएस ने उससे दबाव डालकर ये बयान लिया था. ये मीटिंग भोपाल और फरीदाबाद में होने की बात कही गई थी और मीटिंग में लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्ववेदी, मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हुई थीं.

दूसरा गवाह भी बयान से पलटा
वहीं एटीएस की मानें तो दूसरे गवाह ने भी कहा था कि बैठक में उसने कई तरह के नारे सुने थे. लेकिन एनआईए के सामने वो किसी भी तरह की मीटिंग में जाने से ही मुकर गया और उसका कहना है कि इस तरह की बातें उसे मीडिया के माध्यम से सुनने को मिला.

मालेगांव धमाके में 4 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाके में 4 लोगों की मौत हुई थी और 80 के आसपास लोग घायल हो गए थे. महाराष्ट्र एटीएस ने तब अपनी तहकीकात के बाद हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें साध्वी प्रज्ञा प्रमुख हैं. इसके अलावा सेना से जुड़े कर्नल पुरोहित को भी मामले में गिरफ्तार किया गया था.

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