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मालेगांव केस: कर्नल पुरोहित को राहत नहीं, SC का ट्रायल पर रोक से इनकार

एनआईए कोर्ट ने कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा समेत सात लोगों पर आरोप तय किए थे.  जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में ट्रायल के खिलाफ अपील की गई थी, जो खारिज हो गई है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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मालेगांव ब्लास्ट केस में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ये मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है, इसलिए वह इसमें दखल नहीं देगा.

बीते 30 अक्टूबर को एनआईए की विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में सात आरोपियों पर आतंकवाद की साजिश रचने का आरोप तय किया था. एनआईए कोर्ट ने आरोपियों पर हत्या और अन्य अपराध का आरोप भी दर्ज किया है, जिसके तहत आरोपियों पर यूएपीए और आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा. इन आरोपियों में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा भी शामिल हैं.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील हरीश साल्वे ने कर्नल पुरोहित की पैरवी की. कोर्ट ने उनसे स्पष्ट कहा कि ये केस हाई कोर्ट में लंबित है और बॉम्बे हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को करेगा, इसलिए वह मामले में दखल नहीं देंगे.

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बता दें कि मालेगांव धमाका केस साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपियों को अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसके बाद बीते 30 अक्टूबर को एनआईए कोर्ट ने सभी सात आरोपियों पर आतंकवाद की साजिश रचने के आरोप तय किए. जिसके बाद उनके खिलाफ ट्रायल का रास्ता खुल गया. इस आदेश के बाद ही सुप्रीम कोर्ट में केस के ट्रायल पर रोक लगाने की अपील की गई, जिसे खारिज कर दिया गया.

29 सितंबर, 2008 को हुआ था धमाका

महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को खौफनाक बम धमाका हुआ था. उस धमाके में 7 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे. इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने का आरोप लगा था.

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