आर्थिक अपराधी विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने का बयान देकर भारत में राजनीतिक बहस को फिर तेज कर दिया है. कांग्रेस-बीजेपी पहले ही एक-दूसरे पर भगोड़े आर्थिक अपराधियों की मदद का आरोप लगाते आए हैं. इस बहस में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कूद पड़े हैं.
अरविंद केजरीवाल ने विजय माल्या के बयान के तुरंत बाद ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी. केजरीवाल ने कहा कि देश छोड़ने से पहले नीरव मोदी की प्रधानमंत्री से मीटिंग और माल्या की वित्त मंत्री अरुण जेटली से मीटिंग से क्या साबित होता है, यह लोग जानना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का 3 महीने पुराना एक ट्वीट भी रीट्वीट किया है.
Mallya could not escape from India because of a strong Look Out Notice for him at airports. He then came to Delhi and met someone who was powerful enough to change the Notice from blocking his departure to just reporting his departure. Who was that person who dilute this LON?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 12, 2018
बीजेपी के स्वामी का यह ट्वीट तीन महीने पहले 12 जून को किया गया है, जिसमें लिखा है, माल्या देश नहीं छोड़ सकता क्योंकि हवाई अड्डों पर उसके खिलाफ कड़ा लुक आउट नोटिस जारी हो चुका था. इसके बाद वो दिल्ली आया और उसने किसी प्रभावी शख्स से मुलाकात की जो विदेश जाने से रोकने वाले उस नोटिस को बदल सकता था. वो शख्स कौन था जिसने नोटिस को कमजोर किया?
माल्या ने क्या कहा था?
भारत के बैंकों से करोड़ों का कर्ज लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए लंदन के एक कोर्ट के बाहर कहा कि वो देश छोड़ने से वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था. माल्या ने कहा कि उनसे मिलकर मामले को सुलझाना चाहता था लेकिन बैंकों की आपत्ति के वजह से मामला सुलझ नहीं सका.
विजय माल्या ने कोर्ट के बाहर मीडिया को बताया कि मुझे दोनों बड़ी पार्टियों ने राजनीतिक फुटबॉल बना दिया और बाद में मुझे बलि का बकरा बनाया गया. उसने बताया कि जेनेवा में एक मीटिंग में शामिल होने की वजह से मैं देश से बाहर आया था.
जेटली ने मुलाकात पर दी सफाई
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या से मुलाकात पर इंडिया टुडे को सफाई देते हुए कहा कि मेरी ओर से उन्हें मुलाकात के लिए वक्त नहीं दिया गया. हालांकि संसद परिसर में उन्होंने मुझसे बात कर मामले को सुलझाने का ऑफर दिया था. माल्या ने सांसद होने के विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया. जेटली ने कहा कि मैंने उनके ऑफर को ठुकराते हुए कहा कि इस बारे में कोई बातचीत नहीं हो सकती और मैंने उनसे कोई भी दस्तावेज नहीं लिए, जो वह अपने साथ लेकर आए थे.