कोरोना संकट को लेकर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में धार्मिक स्थल 1 जून से खोल दिए जाएंगे. लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातें भी होंगी जिसका पालन करना होगा. ममता ने घोषणा की है कि एक जून से सभी धार्मिक स्थल सुबह 10 बजे से खोले जाएंगे.
ममता बनर्जी ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि किसी को भी धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी. एक समय में केवल 10 व्यक्तियों को ही जाने की अनुमति होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था हर हाल में होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार भी इसे स्वीकार करेगी.
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इसके साथ ही शुक्रवार की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने एक और बड़ा ऐलान किया. ममता ने कहा कि 8 जून से राज्य में सभी सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी अपने काम पर लौटेंगे. यह नहीं ममता बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि पश्चिम बंगाल में जूट इंडस्ट्री 1 जून से अपने सभी कर्मचारियों के साथ खोल दी जाएगी. इसके अलावा ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के सभी राज्य राजमार्गों और जिले की सड़कों को भी फिर से खोल देने की घोषणा की है.
ममता बनर्जी ने कोरोना संकट पर अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि पश्चिम बंगाल कोरोना और तूफान जैसी दोहरी समस्या से जुझ रहा है. ऐसे में लोगों को अपने लक्षण छुपाने नहीं चाहिए. ममता बनर्जी ने अपील की अगर किसी को कोरोना जैसे लक्षण नजर आते हैं तो प्लीज अपने डॉक्टर से बात करें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी बुखार कोरोना नहीं होते. घबराने की जरूरत नहीं.
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ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्राइवेट डॉक्टरों से भी अपील की. उन्होंने कहा, "मैं प्राइवेट डॉक्टरों से अपील करती हूं कि वे मरीजों को देखना शुरू करें. लेकिन पूरी सुरक्षा के साथ."
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि बीमारी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती. इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए. सभी धार्मिक स्थल चाहे वो मंदिर हो या मस्जिद बंद हैं. कानून सबके लिए बराबर होता है.
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