तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि सारदा चिटफंड घोटाले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सबसे फायदा पहुंचा है.
कुणाल घोष ने कोलकाता की एक अदालत से कहा कि CBI उनसे सारदा समूह के CMD सुदीप्त सेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बिठाकर पूछताछ करे. दूसरी ओर TMC नेता पार्थ चटर्जी ने कुणाल घोष पर आरोप लगाया कि वे सीएम का नाम लेकर खुद की बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
कुणाल घोष ने विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश अरविंद मिश्रा से अपील की कि CBI उनसे सुदीप्त सेन और ममता बनर्जी के साथ पूछताछ करे. घोष खुद चाहते हैं कि उन्हें सीबीआई हिरासत में लिया जाए.
सीबीआई के वकील ने कहा कि सारदा समूह ने बाजार से 1259 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी, जिसमें 988 करोड़ रुपये का निवेश बंगाल मीडिया में किया गया. बंगाल मीडिया सारदा समूह के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी थी. कुणाल घोष इसके सीईओ थे.
सीबीआई के वकील ने दावा किया कि कुणाल घोष साजिश में शामिल थे और व्यापक साजिश का पता लगाने के लिए उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत है. न्यायाधीश ने घोष को 12 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. सुदीप्त सेन और देबजानी मुखर्जी को भी अदालत में पेश किया गया और उन्हें 18 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
'ममता को फंसाकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे कुणाल'
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया है कि पार्टी के सस्पेंड सांसद कुणाल घोष खुद को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम घसीट रहे हैं. प्रदेश के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, 'घोष ने माना है कि उनकी करतूतों के लिए उन पर सजा की तलवार लटक रही है. मुख्यमंत्री को अपने आगे रखकर वह खुद को बचाना चाहते हैं.' पार्थ चटर्जी ने कहा, 'जो आरोपी होते हैं, उनकी आवाज सबसे तेज होती है.'
कांग्रेस ने की खुलासे की मांग
इस बीच कांग्रेस ने कहा कि सारदा घोटाले में शामिल लोगों का खुलासा होना चाहिए, भले ही वे किसी भी दल से ताल्लुक रखते हों. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'हम चाहते हैं कि सारदा घोटाले में शामिल लोगों के नामों का खुलासा किया जाए. यह नहीं देखना चाहिए कि कौन तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा है, कौन कांग्रेस से जुड़ा है या कौन सीपीएम से जुड़ा है. लोगों के राजनीतिक संबंधों से ऊपर उठकर समान न्याय होना चाहिए.'
ममता बनर्जी के पक्ष में भी उठी आवाज
इस बीच, तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि ममता बनर्जी जनमानस की नेता हैं और उनके साथ जनता है. प्रदेश के शहरी विकास मंत्री हकीम ने कहा, 'वे ईमानदारी की प्रतीक हैं.'