मंत्रालय बदलने से नाराज पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री रबींद्रनाथ भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता जबरन वसूली कर रहे हैं और इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी मालूम है.
भट्टाचार्य ने सिंगूर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने पार्टी नेताओं पर घूस लेकर नौकरी देने का भी आरोप लगाया.
अपना विभाग बदले जाने से नाराज चल रहे सिंगूर के विधायक भट्टाचार्य ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, 'ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि उनकी पार्टी जबरन वसूली के मामले में संलिप्त नहीं है. लेकिन मैंने स्वयं पार्टी के कार्यकर्ताओं को लोगों से जबरन वसूली करते देखा. मुझे लगता है कि उन्हें (ममता) सबकुछ मालूम है.'
उन्होंने कहा, 'मेरे इलाके में कुछ जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं ने एक स्कूल में दो खाली पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों से पैसे लिए. इससे मुझे दुख हुआ.'
रबींद्रनाथ भट्टाचार्य सिंगूर से तृणमूल के विधायक हैं. प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त भट्टाचार्य की गिनती कभी ममता के विश्वसनीय सहयोगियों में होती थी. वर्ष 2007 में सिंगूर में टाटा नैनो कार संयंत्र के खिलाफ किसानों के आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. वह कृषि मंत्रालय से हटाकर कम महत्व के सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय में भेजे जाने से नाराज चल रहे हैं.
इससे पहले भट्टाचार्य ने पार्टी से इस्तीफे एवं राजनीति से संन्यास लेने की धमकी दी थी.
राज्य में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) रबींद्रनाथ के साथ है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, 'तृणमूल के समर्थक जबरन वसूली में संलिप्त हैं. पुलिस को इसकी जानकारी है, लेकिन मंत्रिमंडल के सदस्यों के दबाव में वह चुप है.'
वहीं, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सूर्यकांत मिश्र ने कहा, 'मुख्यमंत्री को जानकारी है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता जबरन वसूली में संलिप्त हैं.'