पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को फिर आपा खो दिया. ममता बाइक पर सवार होकर बारासात में बलात्कार की शिकार हुई लड़की के परिवार वालों से मिलने पहुंचीं. वहां उन्होंने आरोप लगाया कि लड़की के साथ सीपीएम कार्यकर्ताओं ने बलात्कार किया है. लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने ममता का विरोध किया तो ममता ने एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया.
मृतक छात्रा के परिजन से मुलाकात के बाद ममता ने कहा, ‘जो कुछ हुआ वह बहुत दुखद है. हम दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा करते हैं और दोषियों को एक महीने के अंदर सजा मिलेगी. हम सरकार की ओर से मौत की सजा का अनुरोध करेंगे.’
ममता ने दावा करते हुए कहा, ‘भारत में हमारी ही सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है जिसने उत्तर बंगाल के बालुरघाट में दोषियों को 27 दिनों के अंदर सजा दिलवाई. कार्रवाई करने में हम नंबर एक हैं.’ उन्हें ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा जिन्होंने उनसे कुछ सवाल किए.
अपना संयम खोते हुए ममता ने जवाब दिया, ‘क्या आपको इस तरह की घटना पर राजनीति करते शर्म नहीं आती? आप माकपा की राजनीति कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए लोग सीपीएम से जुड़े हुए हैं.’ उन्होंने जाहिरा तौर पर पूर्व वाम मोर्चा सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें और अधिक पुलिस थानों की योजना बनानी चाहिए थी.
कॉलेज छात्रा से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना की नृशंसता पर ना केवल समूचे प्रदेश में प्रदर्शन हुए बल्कि राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच भी शुरू की.
इससे पहले, राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक और तृणमूल कांग्रेस सांसद नुरूल इस्लाम को भी उस वक्त गुस्से का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने मृतका के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की कोशिश की थी.