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सिर्फ 'मोदीकेयर' नहीं, केंद्र के कई फैसलों का विरोध कर चुकी हैं ममता!

यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के किसी फैसले का विरोध किया हो. इससे पहले भी कई बड़े मुद्दों पर उन्होंने सरकार को घेरा है. इनमें नोटबंदी, जीएसटी जैसे फैसले शामिल हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुरुआत से ही मोदी सरकार का धुर विरोध करती आई हैं. अब उन्होंने केंद्र सरकार की अब तक की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना "आयुष्मान भारत" का भी विरोध किया है. ममता ने ऐलान किया है कि पश्चिम बंगाल इस योजना का हिस्सा नहीं होगा. ऐसा करने वाला बंगाल देश का पहला राज्य होगा.

यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के किसी फैसले का विरोध किया हो. इससे पहले भी कई बड़े मुद्दों पर उन्होंने सरकार को घेरा है. इनमें नोटबंदी, जीएसटी जैसे फैसले शामिल हैं.

नोटबंदी के खिलाफ आंदोलन की बात

नोटबंदी के दौरान ममता बनर्जी ने देशभर में विपक्षी नेताओं के साथ घूमकर मोदी सरकार का विरोध किया था. ममता ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा कर सरकार पर जमकर वार किया था.

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ममता बनर्जी ने नोटबंदी के फैसले को ही गलत बताते हुए सीधे-सीधे इसे वापस लेने की मांग की थी. 20 नवंबर, 2016 को चेतावनी दी कि पीएम तीन दिन के भीतर इस फैसले को वापस लें वर्ना वे देशभर में आंदोलन करेंगी. लेकिन ममता के आंदोलन की ये धमकी फुस्स साबित हुई क्योंकि पश्चिम बंगाल के बाहर हुई उनकी रैलियों में भीड़ नहीं जुटी. इसके अलावा नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर भी ममता ने ट्विटर पर ब्लैक प्रोफाइल फोटो लगाकर विरोध दर्ज किया था.

जीएसटी का भी धुर विरोध

ममता बनर्जी ने जीएसटी की आलोचना करते हुए इसे 'ग्रेट सेल्फिश टैक्स' करार दिया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था कि जीएसटी का प्रयोग लोगों को तंग करने और देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए जा रहा है.

आधार मुद्दे पर नहीं मानी थी बात

केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाओं को आधार कार्ड से लिंक करने का भी ममता ने विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि जैसे ही आप आधार से मोबाइल लिंक करेंगे उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा. घर में आप क्या खा रहे हैं. पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं. सब उन्हें पता चल जाएगा'. हालांकि, ममता को सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में फटकार लगी थी. कोर्ट ने कहा था कि कोई राज्य सरकार किस तरह संसद के बनाए हुए कानून के खिलाफ जा सकती है.

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मोदी सरकार के किन फैसलों का विरोध कर चुकी हैं ममता बनर्जी

1. मोदी केयर

2. जनधन योजना

3. आधार कार्ड

4.  जीएसटी

5. नोटबंदी

6. विदेश नीति (भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, सिक्किम का चीन के प्रति आकर्षण)

इसके अलावा ममता बनर्जी ने 'गाय' के नाम पर हो रही राजनीति पर भी बीजेपी को निशाने पर लिया था. उनका कहना था कि गाय के नाम पर गोरक्षक गोभक्षक बन रहे हैं, क्या अब वे लोग फैसला करेंगे कि हमें क्या खाना है.

आपको बता दें कि सिर्फ मोदी सरकार के वक्त ही नहीं बल्कि मनमोहन सिंह सरकार के वक्त भी ममता ने केंद्र का विरोध किया था. मनमोहन सरकार के वक्त लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीज़ल के दामों का विरोध करते वक्त ममता सरकार से अलग हो गई थीं.

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