पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से करीब 19 लाख लोगों को बाहर किए जाने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पहले मुझे एनआरसी की नाकामी की जानकारी नहीं थी. जैसे जैसे जानकारी आ रही है हम यह देखकर हैरान है कि एक लाख से अधिक गोरखा लोगों को इस सूची से बाहर कर दिया गया है. सीआरपीएफ और अन्य जवानों सहित हजारों असली भारतीयों के नामों को एनआरसी से बाहर रखा गया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी की सूची से बाहर रखे जाने वालों में पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों भी शामिल हैं. ममता ने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि असली भारतीयों को इससे बाहर नहीं किया जाना चाहिए. हमारे सभी वास्तविक भारतीय भाइयों और बहनों के साथ न्याय होना चाहिए.
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट आने के बाद दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग उठने लगी है. पंजाब में बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी ने राज्य में NRC लागू किए जाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि लुधियाना, अमृतसर और मालेरकोटला की आबादी में बदलाव देखा गया है. जो लोग भारत के नागरिक नहीं हैं उन्हें यहां से बाहर निकाला जाना चाहिए. रोहिंग्या लोगों को उनके देश वापस भेजा जाए. बता दें कि दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी दिल्ली-एनसीआर में एनआरसी लागू किए जाने की मांग की थी.