पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि गुजरात के हाई वोल्टेज चुनाव में बीजेपी पहले ही हार मान चुकी है. बुधवार को नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर मीडिया से बातचीत में ममता बनर्जी ने कहा कि गुजरात में किसी भी तरह सत्ता में बने रहने के लिए पूरी केंद्रीय सरकारी मशीनरी को झोंक दिया गया है. ममता ने कहा, ‘ये उनकी नैतिक हार है. पूरी केंद्र सरकार, सारे मंत्री, एजेंसियां और केंद्रीय बल गुजरात में हैं. क्यों? अगर उन्हें भरोसा है तो सब जनता पर छोड़ देना चाहिए.’
ममता ने सवाल किया, ‘अगर आपने गुजरात में इतना काम किया है तो आपको लोगों पर विश्वास करना चाहिए. बीजेपी गुजरात में नैतिक तौर पर हार चुकी है. आपको एक चुनाव वाले राज्य में आखिर क्यों सभी केंद्रीय मंत्रियों, यहां तक कि प्रधानमंत्री और पूरी सरकारी मशीनरी को भेजने की जरूरत पड़ी?’. ममता ने आरोप लगाया कि पूरी शासन व्यवस्था बैक सीट पर है, केंद्रीय मंत्री अपना विभागीय काम नहीं कर रहे हैं. ममता ने कहा, ‘सारे मंत्री पार्टी विस्तार में व्यस्त हैं. वे राजनीतिक और धार्मिक कारणों से विभिन्न राज्यों में जा रहे हैं. उनका एक ही मकसद है संघीय ढांचे को ध्वस्त करना और विरोधी दलों को तोड़ना. शासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.’
हालिया समय में ‘मोदी विरोधी फ्रंट’ खड़ा करने की कोशिशों के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा कि समान सोच वाली विपक्षी पार्टियां आम आदमी के हित के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं. ममता ने कहा, ‘हम साथ हैं, डीएमके, AAP, आरजेडी जैसी पार्टियां और यहां तक कि एनडीए के शिवसेना जैसे सहयोगी भी उनका विरोध कर रहे हैं. हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन सब का एक समान एजेंडा होना चाहिए और वो है लोगों का हित. इस मामले में हम सब साथ आने के लिए सहमत हैं.’