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सोनिया से मिलने के बाद ममता ने अखिलेश-माया को किया फोन, कहा- मिलकर रहना होगा

इन बड़े नेताओं के अलावा ममता बनर्जी देर शाम यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकती हैं. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ भी ममता की मुलाकात के कयास लगाए जा रहे हैं.

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ममता संग बीजेपी के नेता
ममता संग बीजेपी के नेता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीसरे मोर्चा बनाने की तैयारी कर रही हैं. इसी सिलसिले में ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात में 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई.वहीं इसके बाद ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव और मायावती से भी फोन पर बात की.

पहले कयास लगाए जा रहे थे कि ममता यूपी का दौरा कर सकती हैं. हालांकि फोन पर उन्होंने अखिलेश से बात कर, उन्हें दिल्ली में 2019 लोकसभा चुनाव पर हुई बातों से अवगत कराया. साथ ही कहा कि 2019 में बीजेपी को हराने के लिए सबको साथ आना होगा. वहीं मायावती से बातकर ममता ने उन्हें पश्चिम बंगाल हिंसा के मुद्दे पर साथ देने के लिए धन्यवाद किया.

मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैं जब भी आती हूं तो सोनिया से मुलाकात करती हूं. सोनिया से हमारा रिश्ता अच्छा है. 2019 को लेकर चर्चा हुई. ममता ने कहा कि उनका मानना है कि देश से बीजेपी को जाना चाहिए. बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत काम कर रही है. बीजेपी के खिलाफ हम चाहते हैं कांग्रेस का साथ मिले.

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ममता ने कि हम चाहते हैं कि बीजेपी के साथ सीधा वन टू वन मुकाबला हो. वन टू वन मतलब जिस राज्य में बीजेपी के खिलाफ जो पार्टी मजबूत हो, उसे बाकी पार्टी सपोर्ट करें. इसमें उन्हें कांग्रेस के समर्थन की आशा होगी. ममता ने कहा कि वह चाहती हैं कि यूपी में माया-अखिलेश जीते, बिहार में लालू-कांग्रेस जीते. ममता ने कहा कि वह चाहती हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस जीते. ममता ने कहा कि इसके लिए कांग्रेस को कर्नाटक में मजबूत पार्टियों के साथ गठबंधन करना चाहिए.

इससे पहले ममता ने भारतीय जनता पार्टी के बगावती तेवर अपनाए नेताओं से भी मुलाकात की. इन नेताओं में 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी शामिल थे.

ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर आई हुई हैं. नई दिल्ली में कई पार्टी के नेताओं से उनकी मुलाकात जारी है. अपने दिल्ली दौरे के तीसरे दिन ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी के बागी नेताओं से मिली और उनके साथ बैठक की.

यशवंत सिन्हा ने ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि अब ममता बनर्जी ने सराहनीय कार्य किया है. हमारा समर्थन उनके साथ है. हमने उनके साथ मिलकर वाजपेयी सरकार में काम किया था और हमें उनपर पूरा विश्वास है.

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वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी के व्यक्तित्व की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. हम उनके साथ हैं. यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है, बल्कि देशहित में उठाया गया कदम है. देश किसी भी पार्टी से ऊपर है और हम देश की रक्षा के संघर्ष में ममता के साथ हैं. हालांकि दोनों ही तीसरे मोर्चे के सवालों से बचते दिखाई पड़े लेकिन ममता की तारीफ करने में दोनों नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी.

सरकार पर मोदी का नियंत्रण नहीं

अरुण शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार पर नियंत्रण खो चुके हैं और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सरकार की सभी नीतियां नाकाम साबित हो रही हैं. देश में निराशा का माहौल है और सरकार विकास, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने में नाकामयाब रही है. तीसरे मोर्चे के सवाल पर उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी पार्टियां एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खड़ा कर चुनौती दे सकती हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए यहां तक कह दिया कि वह आडवाणी इस बात से सहमत हैं कि मोदी एक अच्छे इवेंट मैनेजर हैं.

इन बड़े नेताओं के अलावा ममता बनर्जी देर शाम यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकती हैं. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ भी ममता की मुलाकात के कयास लगाए जा रहे हैं.

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ममता बनर्जी शाम चार बजे के करीब बीजेपी नेता अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा से मिली. शत्रुघ्न सिन्हा और डेरेक ओ ब्रायन भी साथ थे. गौरतलब है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए ममता बनर्जी ने फेडरल फ्रंट खड़ा करने की बात कही है और इन्हीं कोशिशों के मद्देनजर ममता ने मंगलवार को एनसीपी, शिवसेना, टीआरएस, टीडीपी, आरजेडी और सपा के नेताओं से मुलाकात की थी.

ममता की नजर बीजेपी में पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ बगावत के सुर को बुलंद किए नेताओं पर भी है. यशवंत सिन्हा ने जहां नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी पर हमला बोला था तो जयशाह मामले पर अमित शाह पर वार किया था. वहीं शत्रुघ्न सिन्हा नोटबंदी के अलावा समय समय पर और खासकर चुनाव के समय मोदी और बीजेपी के वर्तमान लीडरशीप पर सवाल उठाते रहे हैं.

ममता अगर इनको अपने पाले में लाने में कामयाब रही तो यह बीजेपी के लिए भी झटका होगा और ममता की लीडरशीप को ताकत मिलेगी. इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कोलकाता जाकर ममता बनर्जी से थर्ड फ्रंट बनाने की संभावना को लेकर चर्चा की थी, जिसके बाद दोनों नेताओं ने गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी फ्रंट की बात पर जोर दिया था.

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अब देखना यह है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एकजुट पार्टियां कहां तक अपने उद्देश्य में सफल होती हैं.

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