पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद बताया कि उन्होंने बताया, 'हमने पश्चिम बंगाल के बारे में बात की. हमने उस लोन के बारे में भी बात की जो राज्य को चुकाना है. पश्चिम बंगाल पर सबसे ज्यादा कर्ज है.'
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनके काम की तारीफ की और कहा कि आपकी समस्याओं का हल निकालने की हर संभव कोशिश की जाएगी. हम मिलकर समस्याओं का हल निकालेंगे. ममता ने बताया कि उनकी मोदी से भूमि अधिग्रहण बिल पर कोई बात नहीं हुई.
इससे पहले ममता बनर्जी रविवार शाम दिल्ली पहुंचीं. दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता में उन्होंने कहा, 'मैं कल अपने अधिकारों के लिए प्रधानमंत्री से मिलूंगी. मैं खैरात मांगने दिल्ली नहीं जा रही. राज्य को उसका अधिकार मिलना चाहिए.'
पहले से ही माना जा रहा था कि मोदी की घोर आलोचक मानी जाने वाली ममता राज्य का कर्ज माफ करने की मांग कर सकती हैं, और हुआ भी वैसा ही. यह कर्ज ममता कि पूर्ववर्ती सरकार ने लिया था. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार दोनों नेताओं की ये पहली मुलाकात थी. इससे पहले वह नीति आयोग की पहली बैठक में शामिल नहीं हुईं थी. वह बैठक पीएम मोदी ने बुलाई थी और उसमें ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया था.