पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अबेश के शामिल होने की खासी चर्चा हो रही है. अबेश बनर्जी उन जूनियर डॉक्टरों में रहे, जिन्होंने केपीसी मेडिकल कॉलेज से एनआरएस मेडिकल कॉलेज तक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. अबेश भी केपीसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर रहे हैं. जूनियर चिकित्सकों का यह विरोध ममता बनर्जी सरकार के रवैये को लेकर था. ऐसे में उनके भतीजे के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर चर्चा लाजिमी है.
दरअसल, बीते सोमवार को इलाज के दौरान नील रतन सिरकार मेडिकल कॉलेज (एनआरएसएमसी) में 75 साल के एक मरीज की मौत हो गई थी. उसके बाद परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई कर दी. जिसके बाद जूनियर चिकित्सक भड़क उठे. उन्होंने अगले दिन मंगलवार को हड़ताल पर जाकर स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया.
बात तब और बढ़ गई, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेने के लिए चार घंटे का अल्टीमेटम दिया और ऐसा न करने पर एक्शन की धमकी दी. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि एक तो पश्चिम बंगाल सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा नहीं सुनिश्चित कर रही है और उल्टे विरोध प्रदर्शन पर धमका भी रही है. चिकित्सकों की हड़ताल का यह मुद्दा शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी हो गया. दिल्ली में एम्स सहित देश के कई हिस्सों के डॉक्टर विरोध अपने कार्यस्थल पर विरोध जताना शुरू कर दिया.
रद्द हो सकता है रजिस्ट्रेशन
पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी के हवाले से न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर वापस नहीं लौटे तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसल हो सकता है. साथ ही उनका इंटर्नशिप पूरा होने का लेटर भी रोक दिया जाएगा. माजी ने विपक्षी दलों पर जूनियर डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया. कहा कि वे ममता सरकार की फ्री चिकित्सा सेवा योजना को बंद कराना चाहते हैं.