पूरे दिन भर की मैराथन बातचीत के बाद सिंगूर जमीन विवाद से जो कुछ निकलकर आया, उससे टाटा और किसान दोनों को फायदा हुआ. रात 10:30 बजे जाकर राज्य की राजनीति में एक सुखद क्षण निकलकर आया, जब मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य, विपक्ष की नेता ममता बनर्जी और राज्य के राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी मंच पर प्रेस कांफ्रेंस के लिए साथ आए.
इस विवाद को सुलझाने के लिए लगातार तीन दिन से चल रही बातचीत के बाद राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया. इस सहमति पत्र में कहा गया कि राज्य सरकार उन किसानों की मांगों पर विचार करेगी जिन्होंने जमीन के बदले मुआवजा राशि नहीं लिया है. इसके बदले किसानों को कुछ जमीन टाटा के प्रोजेक्ट इलाके में ही और शेष उस इलाके के समीप ही दी जाएगी.
ममता ने राजभवन से निकल के बाद कहा कि यह उनके पार्टी की नैतिक जीत है, इसके बाद सिंगूर से हम धरना समाप्त कर देंगे