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ममता का आरोप- भाजपा-माकपा और कांग्रेस के कारण हो रही है चुनाव में देरी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माकपा, कांग्रेस और भाजपा पर राज्य में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में जानबूझ कर देरी कराने के आरोप लगाये

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ममता बनर्जी के भाजपा, माकपा और कांग्रेस पर आरोप
ममता बनर्जी के भाजपा, माकपा और कांग्रेस पर आरोप

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माकपा, कांग्रेस और भाजपा पर राज्य में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में जानबूझ कर देरी कराने का आरोप लगाया.  

उन्होंने संवाददाताओं से कहा , 'माकपा, कांग्रेस और भाजपा तीन भाई हैं जो नई दिल्ली में एक भूमिका निभाते हैं और पश्चिम बंगाल में दूसरी. वे बेबुनियाद खबरें और अफवाह फैला रहे हैं और मुख्य रूप से टेलीविजन शो पर अपने चेहरे दिखाने के लिए यह सब करते हैं'

भाजपा देती है रेप को बढ़ावा

ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस और माकपा को पश्चिम बंगाल में अपनी भूमिका का निर्णय करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'दिल्ली में आप हमसे साथ आने का आग्रह करते हैं और यहां आप भाजपा से बात करते हैं'.

साथ ही उन्होंने भाजपा की निंदा भी की और भाजपा को एक ऐसी पार्टी करार दिया जो बलात्कार और हिंसा को बढ़ावा देती है.

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कोलकाता हाईकोर्ट ने लगाई थी चुनाव पर रोक

बीजेपी ने छह मार्च को उच्च न्यायालय से कहा था कि पश्चिम बंगाल में 'लोकतंत्र की हत्या' की जा रही है क्योंकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व्यापक पैमाने पर चुनावी हिंसा में लिप्त है और आगामी पंचायत चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवारों को पर्चा दाखिल नहीं करने दे रही है.

बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त सहायक पंचायत चुनाव पंजीकरण अधिकारी बीजेपी उम्मीदवारों को नामांकन के फॉर्म देने से इनकार कर रहा है. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने नामांकन पत्र ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की मांग की थी.

जिसपर संज्ञान लेते हुए 12 अप्रैल को कोलकाता हाईकोर्ट ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था. कोर्ट ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कोर्ट के सामने चुनाव से जुड़ी सारी रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

राजनीतिक पार्टी की इकाई के रूप में काम कर रहा है राजभवनः TMC

तृणमूल कांग्रेस ने राजभवन पर आरोप लगाते हुए कहा था,‘एक राजनीतिक पार्टी की एक इकाई के रूप मे काम कर रहा है राजभवन'. तृणमूल कांग्रेस का आरोप था कि विपक्षी उम्मीदवार पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने से सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोक रहे हैं. टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था, 'जिस तरह से राजभवन एकतरफा सूचनाओं पर दूसरों के विचारों को ध्यान में रखे बिना एकतरफा ढंग से काम कर रहा है, ऐसा लगता है कि यह एक राजनीतिक दल की इकाई के रूप में काम कर रहा है.’

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गौरतलब है कि पंचायत चुनाव एक, तीन और पांच मई को तीन चरणों में कराए जाने हैं. जिसके नामांकन- पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी, जबकि आयोग ने इसकी अवधि 10 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दीया थी. उसके बाद हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को सभी प्रकार की चुनावी प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक रोक लगा दी थी और आयोग से रिपोर्ट मांगी थी.

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