संसद को तत्काल भंग करने की अन्ना हजारे की मांग का समर्थन करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि एक पार्टी के शासन के साथ संप्रग सरकार अल्पमत में है.
बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह अल्पमत की सरकार है और मैं अन्ना हजारे की मांगों से पूरी तरह सहमत हूं. संप्रग सरकार हमारे समर्थन से सत्ता में आई. छोड़ने के बाद हमने राष्ट्रपति को लिखा कि हमने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. अब यह संप्रग सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार है.’
बनर्जी ने कहा, ‘उन्हें अब कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह अल्पमत की सरकार है.’ गौरतलब है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह के साथ हजारे ने सोमवार को संसद को तत्काल भंग करने की मांग की थी.
डिजिटलीकरण पर ममता करेंगी आंदोलन
ममता ने इसके साथ ही यह भी धमकी दी कि अगर डिजिटलीकरण के लिए दी गई 31 अक्टूबर की समयसीमा खत्म होने के बाद टेलीविजन पर चैनलों का प्रसारण बाधित हुआ तो वह आंदोलन शुरू करेंगी. उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र पर राज्यों के साथ टकराव का रास्ता अपनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया.
ममता ने कहा, ‘जब सेट टॉप बॉक्स हाथ में नहीं हैं तो एनालॉग प्रणाली को जारी रखने की अनुमति देनी चाहिए और केंद्र को टेलीविजन पर प्रसारण को बाधित करने का अधिकार नहीं है. हम केंद्र के इस रुख को नहीं स्वीकार कर सकते.’
समयसीमा को बढ़ाने के लिए केंद्र को जून में भेजे गए पत्र का जवाब नहीं मिलने पर खेद जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर जरूरत हुई तो हम राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे और बाद में इसे समूचे देश में फैलाएंगे.’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि लगता है कि डिजिटलीकरण के मुद्दे पर केंद्र की राज्यों के साथ टकराव में दिलचस्पी है.