तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को छोड़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का दामन पकड़ लिया है.
प्रणव मुखर्जी के साथ कोलकाता में दो घंटे चली बैठक के बाद ममता बनर्जी ने ये फैसला किया. ममता के मुताबिक इस बार बंगाल के बाहर हो जाएगी सीपीएम.
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अब मिलकर लड़ेंगी लोकसभा चुनाव. प्रणब मुखर्जी और ममता के बीच हुई मीटिंग के बाद कांग्रेस ने राहत की सांस ली है. कांग्रेस को पता है कि ममता के साथ से पश्चिम बंगाल में उसकी सीटों की संख्या बढ़ सकती है.
कांग्रेस में खुशी की लहर है तो भाजपा में मायूसी. ममता बनर्जी का यूपीए से हाथ मिलाना उसके लिए तगड़ा झटका है क्योंकि सीपीएम से गठजोड़ मुमकिन नहीं और दूसरी कोई पार्टी ऐसी है नहीं, जिसका दामन थामने से फायदा हो. कुल मिलाकर इस मोर्चे पर भाजपा के ऊपर भारी पड़ गई कांग्रेस.