नई दिल्ली में वामदल के कार्यकर्ताओं द्वारा घेराव किये जाने और अमित मित्रा से बदसलूकी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह ‘अभूतपूर्व’ घटना से ‘हैरान और आश्चर्यचकित’ हैं. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘राजनीति बहुत गंदी हो गई है. मैंने वर्ष 1984 में संसद सदस्य के तौर पर चुनाव जीतने के बाद से दिल्ली में करीब 25 वर्ष बिताए हैं. मैंने दिल्ली में जो देखा वह पूरी तरह से अभूतपूर्व था और मेरे पास इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं.’
कोलकाता वापसी से ठीक पहले ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली सुरक्षित नहीं है.साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके और अमित मित्रा के साथ हुई बदसलूकी के पीछे कोई बड़ी साजिश थी. ममता ने कहा, ‘मैं उस योजना आयोग के सामने इस घटना से बहुत हैरान और आश्चर्यचकित हूं जो एक संवैधानिक संस्था है और जिसने हमें बंगाल के लिए वार्षिक योजना को अंतिम रूप देने के लिए आमंत्रित किया था.’ हालांकि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर चिंता जताने के लिए मीडिया और आम लोगों को धन्यवाद दिया.
फिलहाल ममता बनर्जी की सेहत बिगड़ी हुई है. दिल्ली से कोलकाता पहुंचते हीं उन्हें बेले व्यू अस्पताल में भर्ती कराया गया है. छह डॉक्टरों की टीम मुख्यमंत्री की सेहत पर नजर रख रही है. उन्हें गर्दन,सीने और कंधे में दर्द की शिकायत है. अस्पताल में भर्ती कराए जाते वक्त वो बेचैनी महसूस कर रही थी और सांस लेने में भी दिक्कतें हो रही थी. उनका ब्लड प्रेशर भी सामान्य से नीचे था.
वीआईपी गेट से प्रवेश की सलाह को ममता ने किया था अनदेखा: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मंगलवार को योजना भवन के बाहर एसएफआई कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सलाह की अनदेखी की थी.
गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि ममता जब योजना आयोग पहुंच रही थीं, उन्होंने तय किया कि उनकी कार उसी गेट से भीतर जाएगी, जो उनके लिए खाली नहीं कराया गया था. खबर है कि पुलिस ने उन्हें आगाह किया कि मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा है इसलिए उन्हें वीआईपी गेट से भीतर जाना चाहिए.
इस बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा कि मैं खुद को वीआईपी (अतिविशिष्ट व्यक्ति) की बजाय एलआईपी (कम विशिष्ट व्यक्ति) मानती हूं.’
पुलिस का दावा है कि ममता जैसे ही अपनी कार से उतरकर भीतर गयीं, मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल उनके चारों ओर घेरा बना लिया ताकि प्रदर्शनकारियों को अलग रखा जा सके . लेकिन ममता के साथ चल रहे वित्त मंत्री अमित मित्रा एक फाइल भूल गये थे और पीछे छूट गये. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने मित्रा से धक्का मुक्की शुरू कर दी.