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आदमखोर थे प्राचीन ब्रिटेनवासी...

अपनी भूख को शांत करने के लिए प्राचीन ब्रिटेनवासी अपने ही बीच के लोगों को खा जाया करते थे. ‘नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम’ की एक नई खोज में यह बात सामने आई है कि यह लोग न सिर्फ मानवीय मांस खाते थे बल्कि लाश की खोपड़ी का इस्तेमाल कप और कटोरियों के रूप में भी करते थे.

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अपनी भूख को शांत करने के लिए प्राचीन ब्रिटेनवासी अपने ही बीच के लोगों को खा जाया करते थे. ‘नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम’ की एक नई खोज में यह बात सामने आई है कि यह लोग न सिर्फ मानवीय मांस खाते थे बल्कि लाश की खोपड़ी का इस्तेमाल कप और कटोरियों के रूप में भी करते थे.

‘दी डेली टेलिग्राफ’ अखबार की खबर के अनुसार इस खोज को सामने लाने वाले जीवाश्म विज्ञानियों को चेडर गॉर्ज से तीन लोगों के अवशेष मिले हैं, जो 14700 साल पुराने हैं. इनमें एक बच्चे का अवशेष भी है और इनके अध्ययन से यह पता चला है कि इन्हें मार कर इनकी लाश से मांस को अच्छी तरह निकाल कर खाया गया. उसके बाद इनकी खोपड़ी से कप और कटोरियां बनाई गईं.

‘नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम’ के प्रोफेसर क्रिस स्ट्रिंगर के कहा, ‘उस वक्त जीवनयापन बहुत कठिन था और खाना जुटाने के लिए सबसे बेहतर यही था कि आप अपने प्रतिद्वंद्वियों को ही खा जाएं. इससे अपने दुश्मन पर भी आपकी श्रेष्ठता साबित होती थी.’ प्रोफेसर स्ट्रिंगर के अनुसार वह लोग राक्षस नहीं थे और उन्हें मालूम था कि वह क्या कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि वह लोग इतने विकसित थे कि वह लोगों का कायदे से अंतिम संस्कार करते थे. वह औजार भी बनाते थे और गुफाओं में चित्रकारी भी करते थे. 1987 में ही मिली इन 41 हड्डियों के अब जाकर हुए पूरे अध्ययन से यह पता चला है कि इन्हें कायदे से काटकर सारे मांस को निकाल लिया जाता था. इस खोज के परिणामों को ‘पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस वन’ पत्रिका में छापा गया है.

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