बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को द्वारका हीरानंदानी नाम के इस व्यक्ति को सोशल नेटवर्किंट साइट्स पर न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ अपमानजनक बातें पोस्ट करने का दोषी पाया.
जज वीएम कनाडे और अनुजा प्रभु देसाई ने कहा, 'अब समय आ गया है कि कोर्ट ऐसी बातों पर कड़ाई से पेश आए.' उन्होंने 56 वर्षीय हीरानंदानी से कहा, 'हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आपने कोर्ट की अवमानना की है.' जजों ने दोषी को एक महीने की सजा सुनाई जबकि कोर्ट की अवमानना के लिए 6 महीने तक की सजा दी जा सकती है.
हीरानंदानी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है. जज ने कहा, 'आपको न्यायपालिका की निंदा करने का कोई अधिकार नहीं है. आप इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते हैं.' हीरानंदानी ने कोर्ट से कहा था कि उस पर दया दिखाई जाए क्योंकि वह पीड़ित है.
हीरानंदानी का प्रॉपर्टी को लेकर एक केस चल रहा था, जिसके बाद से वो न्यायपालिका, जजों और केस से जुड़े वकीलों पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए लगातार आरोप लगा रहा था.
हीरानंदानी ने कहा कि जब उनका मुकदमा निचली अदालत में भेजा गया और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर किया गया तो न्यायपालिका से उनका विश्वास डगमगा गया है.