हत्या करने के बाद वह थाईलैंड से भागकर भारत आ गया और यहां मुंबई में नाम बदलकर अपनी दुकान चलाने लगा, यह सोचकर कि वह कभी पकड़ा नहीं जाएगा. लेकिन कानून के हाथ लंबे होते हैं और यह बात उसे आखिरकार पता चल ही गई.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक मुंबई के लेमिंगटन रोड में कंप्यूटर बेचने वाला 25 साल का नरपतनराज सिंघवी बैंकॉक गया जहां उसने 52 साल की अमेरिकी महिला वेंडी एस अल्बानो की हत्या कर दी और फरार हो गया. दरअसल दोनों मिलकर वहां बिजनेस करना चाहते थे और दोनों में इश्क भी चल रहा था.
फ्लोरिडा के टम्पा की रहने वाली वेंडी मशहूर डिजाइनर थी और दोनों ने साथ काम करने का विचार किया. लेकिन 12 फरवरी, 2012 को वेंडी की लाश बैंकाक के होटल फ्रेजर्स सूइट में मिली. उसके पेट और गर्दन पर किसी नुकीली चीज के निशान थे और गला दबाने के भी निशान थे.
संघवी जो उसके साथ ही उस कमरे में रहता था, मौके से गायब था. वहां की पुलिस ने जब जांच की तो उसे पता चला कि उसने भारत के लिए फ्लाइट ले ली है. मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि थाईलैंड और अमेरिकी दूतावास के अधिकारी इस मामले को सुलझाने के लिए यहां की पुलिस के लगातार संपर्क में थे. केन्द्र सरकार ने भी कई चिट्ठियां लिखीं. अभियुक्त संघवी अपने घर नहीं गया तो उसके पिता ने गुमशुदा की रिपोर्ट डीबी मार्ग थाने में लिखवा दी.
मुंबई पुलिस ने इंसपेक्टर शालिनी शर्मा के नेतृत्व में विशेष दस्ता बनाया. उनके साथ चुनिंदा पुलिस वालों को लगाया गया. इस दस्ते ने उसके मां-बाप के घर का दौरा किया तो पता चला कि वह वहां आता नहीं है. पुलिस ने एक चाल चली. उन्होंने अपने आदमी को कूरियर वाला तो कभी टेलीफोन कंपनी का कर्मचारी बनाकर वहां भेजना शुरू किया. उन्हें यह तो पता चल गया कि वह भारत में तो है लेकिन छुपा हुआ है.
काफी दौड़धूप के बाद पुलिस वालों को संघवी का मोबाइल नंबर मिल ही गया. उसके खास दोस्तों से वह नंबर मिलने के बाद पुलिस ने परभनी में छापा मारा. वहां वह भेष बदलकर, दाढ़ी बढ़ाकर और पठानी सूट में रहता था. उसने एक मोबाइल शॉप भी खोल ली थी. वह अपने परिवार वालों से कम ही मिलता था. इस कारण उसे पकड़ना कठिन हो गया था. रविवार को उसे पकड़ ही लिया गया. संघवी को थाईलैंड भेजने की तैयारी चल रही है. वहां के कानून के मुताबिक उस पर मुकदमा चलेगा.