#MeToo कैंपेन के तहत महिलाओं के खिलाफ कार्यस्थलों पर यौन शोषण के कई मामले सामने आए हैं. इसके कारण देश की राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल आ गया है. अब केंद्रीय महिला विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस मसले पर राजनीतिक दलों को एक चिट्ठी लिखी है.
इस चिट्ठी में उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों/कार्यकारी अध्यक्षों से अपील की है कि वह अपनी पार्टी में इंटरनल कमेटी का गठन करें. जो इस तरह के मामलों की सुनवाई कर सके. ये कमेटी 2013 के सेक्सुअल हैरेसमेंट एक्ट के तहत बनाई जाएगी. मेनका गांधी ने राजनीतिक दलों से इस तरह की कमेटी को राष्ट्रीय और राज्य के लेवल पर बनाने का अनुरोध किया है.
This is in view of the fact that political parties employ a large number of personnel, including women, in their offices. It is our prerogative to ensure that women enjoy a safe working environment.
— Maneka Gandhi (@Manekagandhibjp) October 18, 2018
पहले दिया था कमेटी बनाने के प्रस्ताव
बता दें कि इससे पहले भी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ऐसे मामलों की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया था, हालांकि बाद में इसमें बदलाव किया गया.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार ऐसे मामलों की जांच के लिए अब मंत्रियों का एक समूह बनाने पर विचार कर रही है. यह समूह ही #MeToo कैंपेन से जुड़ी शिकायतों पर हर पहलू से संज्ञान लेगा.
कैसी होती कमेटी?
बताया गया था कि रिटायर्ड जज की अगुवाई में विधि विशेषज्ञों की एक कमेटी ऐसे सभी मामलों की जांच करेगी. लेकिन मेनका के मंत्रालय के इस प्रस्ताव में बदलाव किया गया है और अब इसकी जगह मंत्रियों का समूह (GoM) बनाने पर विचार किया जा रहा है, जो मीटू से जुड़े मामलों की पड़ताल करेगा.