महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पैन कार्ड में बदलाव की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि पैन कार्ड में बच्चों को अपने पिता का नाम न लिखने के विकल्प की व्यवस्था की जाए.
दरअसल, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कहना है कि तलाकशुदा महिलाओं, सिंगल मदर्स या पति से अलग हो चुकी महिलाओं के बच्चों के सामने कई तरह की समस्याएं आती हैं. इसलिए ऐसे बच्चों को पैन कार्ड में पिता का नाम न लिखने का विकल्प भी दिया जाना चाहिए.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल को लिखी गई इस चिट्ठी में मेनका गांधी ने मौजूदा पैन कार्ड एप्लीकेशन फॉर्म को फिर से जांचने की अपील की है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, मेनका गांधी का मानना है कि जो महिलाएं किसी भी वजह से है अपने पति के साथ नहीं है, उनके संबंध में पैन कार्ड को लेकर संवेदनशीलता की जरूरत है.
दरअसल, मौजूदा नियमों के तहत पैन कार्ड के लिए आवेदन करते वक्त फॉर्म में पिता का नाम देना अनिवार्य है. ऐसे में जिन बच्चों के पिता किसी कारणवश उनके साथ नहीं रहते हैं या मौजूद नहीं है, उन बच्चों को पैन कार्ड के लिए आवेदन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि मेनका गांधी ने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए वित्त मंत्रालय से फॉर्म में बदलाव की सिफारिश की है.
बता दें कि हाल ही में आयकर विभाग ने पैन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया काफी सरल की है. यहां तक कि अब आप चंद मिनटों में घर बैठे ही पैन कार्ड बनवा सकते हैं. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपके पास आधार कार्ड होना जरूरी है और आपके आधार नंबर पर आपकी सभी जानकारी अपडेट हो.
विभाग के अनुसार इस सुविधा के तहत आपको बहुत सारे दस्तावेज अपलोड नहीं करने होंगे. आप विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in पर लॉग इन कर ई-पैन हासिल कर सकते हैं.