कर्नाटक में पिछले हफ्ते नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ मंगलोर में भड़की हिंसा में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद राज्य में बड़ा सियासी संग्राम मचा हुआ है. दबाव बढ़ने पर राज्य सरकार ने मंगलवार को हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं.
मंगलोर में भड़की हिंसा के बाद फायरिंग के दौरान 2 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद विपक्ष सत्तारूढ़ सरकार को इस मामले पर घेर रही है. ऐसे में दबाव बढ़ने पर राज्य सरकार ने नागरिकता कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
अब मजिस्ट्रेट स्तर पर पूरे मामले की जांच की जाएगी. मजिस्ट्रेट हिंसा पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेंगे. इस पूरे मामले की जांच उडुपी के कलेक्टर करेंगे.
सीआईडी जांच के आदेश
इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मंगलोर में हुई हिंसा में मारे गए 2 लोगों के मामले में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कल सोमवार को सीआईडी जांच के आदेश दिए थे.
19 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान मंगलोर पुलिस ने फायरिंग की थी. इस फायरिंग में जलील और नौशीन की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था.
मंगलोर में नए नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें पुलिस फायरिंग में 2 लोगों की मौत हो गई. पुलिस फायरिंग में मारे जाने वाले जलील बंदर इलाके के रहने वाले थे.
दूसरी ओर, मंगलोर हिंसा पर कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई का कहना है कि भीड़ (प्रदर्शनकारी) गोला-बारूद की दुकानों में लूटपाट करना चाहती थी. भीड़ की कुल 3000 बुलेट और 40 हथियार लूटने की योजना थी. कल्पना कीजिए कि अगर ऐसा होता तो क्या हो जाता.