मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने सीआरपीएफ, इम्फाल पुलिस और असम पुलिस के कर्मियों पर पांच मुकदमे दर्ज किए हैं. इन लोगों पर कथित फर्जी मुठभेड़ के दौरान हत्याएं करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई की एसआईटी टीम कर रही है.
Central Bureau of Investigation (CBI) registered five FIRs against CRPF, Imphal Police and Assam Rifles personnel in connection with alleged Manipur fake encounter cases under murder with common intention. The Supreme Court had earlier ordered the CBI to probe the killings. pic.twitter.com/oCMYfzXHib
— ANI (@ANI) December 8, 2018
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पीठ में शामिल न्यायाधीशों से मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई से अलग हो जाने का अनुरोध किया गया था.
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की पीठ ने कहा था कि एसआईटी और इन मामलों में उसके द्वारा की जा रही जांच पर इन पुलिसकर्मियों के संदेह करने का कोई कारण नहीं है. पीठ ने यह भी कहा कि न्यायपालिका और सीबीआई की सांस्थानिक पवित्रता को अवश्य कायम रखा जाना चाहिए.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि पीठ ने कुछ आरोपियों को पहले अपनी टिप्पणी में ‘हत्यारा’ बताया था. इन आरोपियों के खिलाफ मुठभेड़ मामलों में एसआईटी चार्जशीट दायर की थी.
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट मणिपुर में अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच के लिए पिछले साल 14 जुलाई को एक एसआईटी गठित की थी और एफआईआर दर्ज कराने और कथित अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के मामलों की जांच का आदेश दिया था. मणिपुर में वर्ष 2000 से 2012 के बीच सुरक्षाबलों और पुलिस पर कथित रूप से 1528 फ़र्ज़ी मुठभेड़ और अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं का आरोप है.