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मणिपुर में बीजेपी सरकार पर संकट टला, NPP के बागी विधायक हुए राजी

बीजेपी सरकार के लिए संकटमोचन का काम कर रहे हिमंता बिस्वा शर्मा सरकार से इस्तीफा देने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी के 4 मंत्रियों को लेकर दिल्ली पहुंचे. सूत्र बताते हैं कि राज्य की बीजेपी सरकार पर संकट टल गया है और एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे.

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मणिपुर में बीजेपी की एन बीरेन सिंह सरकार पर संकट टला (फाइल-पीटीआई)
मणिपुर में बीजेपी की एन बीरेन सिंह सरकार पर संकट टला (फाइल-पीटीआई)

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  • अमित शाह से मुलाकात के बाद संकट का हुआ समाधान
  • हिमंता बिस्वा NPP के विधायकों को लेकर आए थे दिल्ली
  • NPP के 4 विधायकों समेत 9 MLA ने दिया था इस्तीफा

मणिपुर में सियासी संकट का समाधान हो गया है. राज्य की एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरा जोर लगा रही थी जिसमें वह कामयाब रही. इस बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने बीरेन सिंह सरकार को समर्थन देने का वादा किया है.

नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के 4 विधायकों ने राज्य में बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान करते हुए इस्तीफा दे दिया था. एक तरह से समर्थन वापस ले लिया था क्योंकि राज्य में पार्टी के इतने ही विधायक हैं.

सूत्र बताते हैं कि राज्य की बीजेपी सरकार पर संकट टल गया है और एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. NPP के विधायक गवर्नर नजमा हेपतुल्लाह से मुलाकात करेंगे और सरकार को समर्थन जारी रखने की बात करेंगे.

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दूसरी ओर, बीजेपी सरकार के लिए संकटमोचन का काम कर रहे हिमंता बिस्वा शर्मा सरकार से इस्तीफा देने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी के 4 मंत्रियों को लेकर दिल्ली पहुंचे. आज बुधवार को मेघालय के मुख्यमंत्री करनाड संगमा और मणिपुर के उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह की अगुवाई में नेशनल पीपुल्स पार्टी का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला.

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हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर जानकारी दी कि नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का प्रतिनिधिमंडल आज गृह मंत्री अमित शाह से मिला और बीजेपी तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी दोनों ही दल मिलकर राज्य के विकास के लिए मिलकर साथ काम करने को राजी हो गए हैं. बाद में यह प्रतिनिधिमंडल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिला.

मुलाकात के बाद मेघालय के मुख्यमंत्री और NPP के नेता करनाड संगमा ने ट्वीट किया कि अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ एनपीपी प्रतिनिधिमंडल के नेताओं की मुलाकात हुई और हमने राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करने का फैसला लिया है.

नेतृत्व बदलने पर अड़े रहे विधायक

इससे पहले नॉर्थ ईस्‍ट डेमोक्रेटिक अलाएंस (NEDA) के संयोजक हिमंता बिस्वा शर्मा के साथ पहले दौर की बातचीत के दौरान एनपीपी के नेता राज्य सरकार के नेतृत्व में बदलाव की अपनी मांग पर अड़े रहे थे.

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पूर्वोत्तर में बीजेपी के संकटमोचक हिमंता बिस्वा विशेष विमान से एनपीपी के चारों नेताओं को मंगलवार को दिल्ली लेकर आए. बीजेपी के एक नेता ने कहा कि राजधानी इंफाल में बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया.

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दिल्ली रवाना होने से पहले मंगलवार को हेमंत बिस्वा ने दावा किया था कि सब कुछ बहुत जल्दी सही हो जाएगा.

9 इस्तीफे से मचा हड़कंप

राज्य में बीजेपी सरकार उस समय संकट में आ गई थी जब उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह, बीजेपी के 3 बागी विधायक, तृणमूल कांग्रेस का 1 और 1 निर्दलीय के अलावा एनपीपी के कोटे से 4 मंत्रियों (जॉय कुमार समेत) ने इस्तीफा दे दिया था.

राज्य विधानसभा में एनपीपी के महज 4 विधायक ही हैं, इसलिए पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया. उधर, कांग्रेस ने इन 9 विधायकों को अपने पक्ष में ले लिया और सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट नाम से एक गठबंधन बना लिया था.

राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल सदस्यों की संख्या 59 है. बीजेपी के पास 23 विधायकों का समर्थन है. इसमें से 18 बीजेपी, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 4 और 1 एलजेपी का विधायक हैं. जबकि, कांग्रेस ने दावा किया कि एसपीएफ के पास 29 विधायकों का समर्थन है. इसमें से कांग्रेस के 20, एनपीपी के 4, बीजेपी के 3 बागी, टीएमसी का 1 और 1 निर्दलीय विधायक हैं. लेकिन अब दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के बाद सरकार पर बने संकट के बादल छंट गए हैं.

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