केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने नरेंद्र मोदी पर उनके उस बयान को लेकर जवाबी हमला बोला जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश की तकदीर अलग होती.
तिवारी ने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पटेल से किया गया वादा निभाया होता तो साल 2013 में बीजेपी का पीएम पद का उम्मीदवार कोई और होता.
तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, 'अगर संघ ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद प्रतिबंध समाप्ति के लिए सरदार पटेल से किये गए वादे का सम्मान किया होता तो 2013 में बीजेपी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार अलग होता.'
तिवारी शायद उस कथित दावे का जिक्र कर रहे थे जिसके मुताबिक संघ ने पटेल से वादा किया था कि वह गैर राजनीतिक रहेगा, इसके बाद उससे प्रतिबंध हटाया गया था . हालांकि यह दावा विवादित है और इसे कई लोग खारिज करते रहे हैं.
नीतीश कुमार ने मंगलवार को मोदी को जवाब देते हुए उनकी तुलना हिटलर से कर डाली थी. इससे परोक्ष रूप से सहमति का संकेत देते हुए मनीष तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, '30 जनवरी 1933 को हिटलर जर्मन चांसलर बना और उसने 27 फरवरी 1933 को रीशटैग बिल्डिंग जलवा दी. फासीवाद की भाषा उसके कृत्यों की भूमिका मात्र है नीतीश जी.'
उन्होंने आगे लिखा, 'फासीवादी और सर्वसत्तावादियों का इतिहास रहा है कि वे लोकतंत्र की आड़ में गलत तरीके से सत्ता हड़प लेते हैं और फिर इसे बर्बाद कर डालते हैं. '
इससे पहले मंगलवार को गुजरात में मोदी ने कहा था कि अगर सरदार पटेल देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने होते तो देश की तकदीर अलग होती. उन्होंने यह बाद गुजरात में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मंच साझा करते हुए कही.