भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर उनपर हमला करते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि 'जासूसी की एक बड़ी बुराई' और 'फासीवाद का गंभीर खतरा' मंडराने लगा है.
तिवारी ने यह बात गुजरात में एक कथित सरकारी जासूसी कांड के उजागर होने के संदर्भ में कही, जिसमें पूर्व मंत्री अमित शाह कथित रूप से शामिल हैं. जनहित में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में तिवारी ने कहा, 'यदि हम संवैधानिक मूल्यों और दैनिक कामकाज की बात करें तो जासूसी की एक बड़ी बुराई और फासीवादी खतरा मंडराने लगा है.'
तिवारी ने कहा कि इसका सबसे पहला दुष्परिणाम उदारवाद के अंत के रूप में होगा. इससे रचनात्मकता और चुनौती देने का अधिकार खत्म होगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकारी जासूसी का आरोप सही है तो यह चिंताजनक है.
उल्लेखनीय है कि 'कोबरापोस्ट' और 'गुलेल' वेबसाइटों की जांच करने के लिए गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने 'साहेब' के आदेश से एक महिला के पीछे वर्ष 2009 में सरकारी मशीनरी को कथित तौर पर लगाया था.