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ओआईसी पर कांग्रेस ने केंद्र को घेरा, बोली- देश को एनडीए ने बेच दिया

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सरकार पर आरोप लगाया कि भारत की एनडीए सरकार ने अबूधाबी में देश हित का सरेंडर ही नहीं किया बल्कि देश को बेच दिया है.

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कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (फोटो-ट्विटर)
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (फोटो-ट्विटर)

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ओआईसी में भारत को विशेष अतिथि के तौर पर बुलाए जाने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के वहां जाने और पारित किए गए कुछ प्रस्तावों पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत की एनडीए सरकार ने अबूधाबी में देश हित का सरेंडर ही नहीं किया, बल्कि देश को बेच दिया है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हिस्सा लेने पर उन्होंने कहा कि सरकार जिसे अपनी कूटनीति की उपलब्धि बता रही है, ऐसा कह रही है कि 50 वर्षों में उन्हें पहली बार निमंत्रण आया है. लेकिन विदेश मंत्री ने तो प्लेनरी सेशन में हिस्सा लिया है.

तिवारी ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि उस सम्मेलन में भारत को न केवल आतंकी देश करार दिया गया बल्कि उसमें कहा गया कि भारत का कश्मीर में अवैध कब्जा है, ओआईसी के देशों को कश्मीर के लोगों की मदद करनी चाहिए तो क्या भारत अपने नागरिकों का ख्याल नहीं रख सकता.

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तिवारी ने कहा कि अब तक भारत ऐसे प्रस्तावों को हमेशा नकारता रहा है फिर पीएम और विदेश मंत्री अब जवाब दें कि क्यों वो देश की निंदा का हिस्सा बने. सर्वोच्च राष्ट्रहित से इससे बड़ा खिलवाड़ क्या हो सकता है. अगर इन बयानों के कोई मायने नहीं हैं तो क्यों देर रात विदेश मंत्रालय को बयान जारी करना पड़ा.

एयर स्ट्राइक पर पीएम को घेरते हुए उन्होंने कहा कि खुद एयर स्ट्राइक पर पीएम प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं. जब वो कहते हैं कि, अगर राफेल जहाज होता तो परिणाम कुछ और होता. राफेल ना होने के लिए पीएम ही ज़िम्मेदार हैं.

क्या है ओआईसी

आईओसी मुस्लिम बहुल 57 देशों का संगठन है.जो आमतौर पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है और कश्मीर पर अक्सर इस्लामाबाद का पक्ष लेता है. भारत ओआईसी का सदस्य नहीं है. 50 साल में पहली बार भारत ने इस सम्मेलन में बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर भाग लिया है. साथ ही सुषमा स्वराज इस संगठन में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय मंत्री हैं.

क्या है पाकिस्तान का दावा

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि उनके एक प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है जिसमें कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का ‘समर्थन’ किया गया है. उसने दावा किया कि इस प्रस्ताव में आईओसी के सदस्य राष्ट्रों ने दोहराया है कि जम्मू कश्मीर पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद का अहम मामला है और दक्षिण एशिया में अमन के ख्वाब को साकार करने के लिए इसका हल होना जरूरी है. उसने दावा किया कि प्रस्ताव में, कश्मीर में कथित मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर ‘गहरी चिंता जताई.

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भारत ने ओआईसी में क्या कहा

विदेश मंत्री ने ओआईसी के मंच से आतंकवाद पर सख्त कारवाई करने के साथ उन देशों पर कड़ी कारवाई करने की बात कही जो देश आतंकवाद का सर्मथन करता हैं. जिस पर तमाम देशों का उसे साथ भी मिला.

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