बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी निजी सहायक के रूप में अपने दामाद की नियुक्ति को सही ठहराने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाल कर सत्ता का दुरुपयोग किया है.
पटना में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सुशील ने आरोप लगाया कि विपक्ष की आलोचना के बाद मांझी के निजी सहायक के रूप में कार्य कर रहे उनके दामाद देवेंद्र कुमार को पद से हटा दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसके लिए ‘रिश्तेदारों’ को फिर से परिभाषित करने के लिए मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव पर दबाव डाल कर सत्ता का दुरुपयोग किया है.
मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान द्वारा जारी एक अधिसूचना को उद्धरित करते हुए सुशील ने मांझी पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने निजी कर्मियों को फिर से परिभाषित करने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला ताकि उनके दामाद की निजी सहायक के तौर पर पूर्व में बहाली को सही ठहराया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी काम में पारदर्शिता लाने के लिए वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों द्वारा नजदीकी रिश्तेदारों को अपने निजी सहायक के तौर पर नियुक्त किए जाने पर रोक लगायी थी पर मांझी ने उसकी अनदेखी कर अपने दामाद को अपना निजी सहायक नियुक्त कर दिया था.