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मंजूनाथ केस: आरोपी मोनू मित्तल को हाईकोर्ट से मिली राहत

मंजूनाथ के हत्यारे पवन कुमार मित्तल उर्फ मोनू मित्तल को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने सेशंस कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए मित्तल की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है.

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मंजूनाथ के हत्यारे पवन कुमार मित्तल उर्फ मोनू मित्तल को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने सेशंस कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए मित्तल की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है.

कोर्ट ने इस मामले में दो लोगों संजय अवस्थी और हरीश मिश्रा को बरी कर दिया है. मित्तल के अलावा अन्य अभियुक्त देवेश अग्निहोत्री , राकेश आनंद , शिवकेश गिरी , राजेश वर्मा और विवेक शर्मा की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. मार्च 2007 में लखीमपुर खीरी की जिला अदालत ने मित्तल को फांसी और बाकी सात अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

19 नवंबर 2005 को इंडियन ऑयल के सेल्स मैनेजर और आईआईएम लखनऊ से शिक्षित एस. मंजूनाथ की हत्या कर दी गई थी. मंजूनाथ ने आरोपी पवन कुमार मित्तल के पेट्रोल पंप पर तेल में मिलावट का भंडाफोड़ किया था और लाइसंस कैंसल करने की धमकी दी थी. हत्या के एक दिन बाद सीतापुर जिले के महोली इलाके में एक कार से मंजूनाथ की लाश बरामद हुई थी. सीतापुर में लाश को ठिकाने लगाने गए राकेश आनंद और विवेक शर्मा वहीं पकड़े गए थे.

मंजूनाथ की हत्या के बाद उद्योग जगत, आईआईएम के स्टूडेंट्स और सामाजिक संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की थी. पुलिस ने पिछले साल 15 फरवरी को चार्जशीट फाइल की थी और 9 मार्च को सुनवाई शुरू हुई थी. मामले में कुल 23 गवाह पेश हुए , लेकिन उनमें से तीन पुलिस को दिए अपने बयान से पलट गए. कोर्ट ने 23 मार्च 2007 को इन्हें दोषी करार दिया था.

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