प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को खुलासा किया कि भारत ने जी-8 और जी-5 के प्रभावशाली देशों से कहा है कि वे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने और भारत के साथ मित्रता का विकल्प चुनने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालें. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले हफ्ते मिस्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ मुलाकात में पाकिस्तान मुंबई ‘‘नरसंहार’’ के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाने पर सहमत होगा और अपनी धरती से भारत के खिलाफ आतंकवाद को इजाजत नहीं देगा.
भारत 25 साल से आतंकवाद का पीड़ित रहा है
इटली में जी-8 और जी-5 शिखर बैठक में शामिल होने के बाद स्वदेश वापसी के रास्ते में मनमोहन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ संचालित होने वाले आतंकवाद का मुद्दा औद्योगिक देशों और उभर रही अर्थव्यवस्थाओं के सामने उठाया. मनमोहन ने कहा ‘‘मैंने जी-8 और जी-5 मंच के नेताओं से जहां भी बात की वहां हमारी यह बात मानी गई कि भारत पिछले 25 साल से आतंकवाद का पीड़ित रहा है और इसके पाकिस्तान से संचालित होने के बहुत से सबूत हैं. हमारी सभी नेताओं से अपील है और हमने उनसे पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए कहा है ताकि वह आतंकवाद का रास्ता छोड़कर भारत के साथ मित्रता का रास्ता अपनाए तथा भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाए.’’ प्रधानमंत्री ने यह बात एक सवाल के जवाब में कही. उनसे पूछा गया कि क्या पिछले महीने रूस के येकातेरिनबुर्ग में उनकी पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से हुई मुलाकात के बाद भारत की मांगों पर पाकिस्तान की ओर से कुछ ‘‘सकारात्मक’’ हुआ है और क्या भारत इस्लामाबाद पर वहां से संचालित हो रहे आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाए जाने की मांग कर रहा है.
'लंबित मुद्दों के समाधान के लिए हर जरूरी चीज करेंगे'
पाकिस्तान की तरफ से भारत की मांग पर मुंबई हमलों के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई से नयी दिल्ली को अवगत कराए जाने की बात कही गई. मनमोहन ने कहा ‘‘उन लंबित मुद्दों के समाधान के लिए हम हर जरूरी चीज करेंगे जिनकी वजह से दोनों देशों के संबंध बिगड़े हैं लेकिन इसके लिए यह प्रमाण दिए जाने की जरूरत है कि इस्लामाबाद आतंकवादियों से निपटेगा जो अपनी सारी उर्जा भारत को परेशान और अस्थिर करने के लिए खर्च करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें मिस्र में गुट निरपेक्ष सम्मेलन से इतर गिलानी से मुलाकात में विचारों का आदान प्रदान होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘यदि पाकिस्तान मुंबई नरसंहार के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाता है और आतंकवादियों को भारत के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देता है तो हमें संबंधों को सामान्य करने की दिशा में आधी से अधिक दूरी तय हो जाने की उम्मीद है.’’ येकातेरिनबुर्ग में मनमोहन ने मीडिया के सामने जरदारी को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि उन्हें यह बताने का जनादेश मिला है कि पाकिस्तान को अपनी धरती से भारत के खिलाफ संचालित हो रहे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है.