यूपीए सरकार को बाहर से सहारा देने वाले मुलायम सिंह ने अपने बयानों से इस कदर खलबली मचा दी है कि कम बोलने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी बोलने पर मजबूर हो गए. वहीं कांग्रेस पार्टी ने सपा प्रमुख पर सीधा वार करते हुए कहा है कि बिना मुलायम भी सरकार चलेगी.
मुलायम सिंह पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने कहा कि वह इस तरह से बात न करें. उनके बिना भी यूपीए सरकार चलेगी. कांग्रेस ने कहा, 'जो लोग अपने राज्य में लगातार चुन कर नहीं आते हैं और खराब कानून-व्यवस्था के कारण चर्चा में रहते हैं. उन्हें इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए.'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने अपने विशेष विमान में मीडिया से कहा कि यूपीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. प्रधानमंत्री ने मुलायम सिंह द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने की अटकलों को खारिज किए बिना कहा कि सरकार स्थिर है और वक्त से पहले चुनाव नहीं होंगे.
मनमोहन सिंह के इस बयान की वजह भी है. पिछले कुछ दिनों से समाजवादी सुप्रीमो का रुख कुछ ज्यादा ही बदल गया है. वो लगातार कांग्रेस को परेशान करने वाले बयान दे रहे हैं. दिल्ली में गुरुवार को अपने पार्टी के एक कार्यक्रम में उन्होने वक्त से पहले चुनाव की भविष्यवाणी कर डाली.
मुलायम के इन बयानों ने बढ़ाई परेशानी....
मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरे पास गोपनीय रिपोर्ट है. इसी नवंबर तक लोकसभा का भी चुनाव हो जाएगा. आप लोग तैयारी कीजिए.
ये बयान भी एक बानगी है कि मुलायम सिंह ने किस तरह यूपीए के नेताओं की नींद हराम कर रखी है. इससे पहले मुलायम ने कांग्रेस को घोखेबाज बताया. दावा किया कि थर्ड फ्रंट की सरकार बनेगी. और अपने चिर प्रतिद्वंदी आडवाणी की तारीफ भी कर डाली. जिसके बाद से सियासी हलचल तेज हो गई.
तीसरे मोर्च पर हो रही है 'राजनीति'
नेताजी के ये बोल बताते हैं कि उन्होने राजनीति के पिच पर अपनी लाइन और लेंथ तय कर ली है. उधर कांग्रेस पार्टी अपने हालात के मुताबिक नाप तौल कर प्रतिक्रिया दे रही है. सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का कहना है कि तीसरा मोर्चा की सरकार तो नामुमकिन है.
मुलायम ने तीसरे मोर्चे का सपना जब से जिंदा किया है. लेफ्ट फ्रंट के भी कान खड़े हो गए हैं. अपने को तीसरे मोर्चे का स्वाभाविक दावेदार समझने वाली इस पार्टी ने भी मुलायम से कहा कि सरकार के साथ पहले अपनी स्थिति साफ कीजिए.
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