कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से मुलाकात करने दिल्ली के तिहाड़ जेल पहुंचे. मुलाकात के बाद मनमोहन सिंह ने कहा कि वे अपने सहयोगी पी. चिदंबरम की निरंतर हिरासत से चिंतित हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'हमारी सरकारी प्रणाली में कोई भी निर्णय किसी एक व्यक्ति की ओर से नहीं लिया जा सकता, सभी निर्णय सामूहिक निर्णय होते हैं जिन्हें फाइलों में दर्ज किया जाता है.'
मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के 6 सचिवों सहित एक दर्जन अधिकारियों ने प्रस्ताव की जांच के बाद अपनी सिफारिश दी थी. चिदंबरम ने मंत्री के रूप में सर्वसम्मत सिफारिश को अपनी मंजूरी दी थी.
बता दें, चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में पांच सितंबर से जेल में हैं. यह पहली बार है जब सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह तिहाड़ जेल में बंद किसी नेता से मुलाकात करने आए थे.
Manmohan Singh:A dozen officers examined&recommended the proposal. Minister Chidambaram approved the unanimous recommendation. If officers aren't at fault it's beyond our comprehension how the Minister who simply approved the recommendation can be accused of committing an offence https://t.co/W9LLztijHY
— ANI (@ANI) September 23, 2019
क्यों जेल में हैं चिदंबरम?
चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते साल 2007 में रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये लेने के लिए विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी. इस मामले में चिदंबरम सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले 18 सितंबर को भी कार्ति चिदंबरम अपने पिता से मिलने के लिए तिहाड़ जेल गए थे. उस वक्त उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल ने भी पी चिदंबरम से मुलाकात की थी.
3 अक्टूबर तक बढ़ी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोर्ट ने 20 सितंबर को पी. चिदंबरम को झटका देते हुए उनकी न्यायिक हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी थी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरास्त में भेजा था. पांच सितंबर से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रहा है.