कोयला आवंटन घोटाले में आरोपी बनाए गए मनमोहन सिंह ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. सिंह ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी.
गौरतलब है कि ओडिशा में 2005 में तालाबीरा-2 कोयला ब्लाक आवंटन से जुड़े कोयला घोटाला के एक मामले में विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पांच अन्य को आरोपी के तौर पर समन जारी किया था. उन्हें आठ अप्रैल को पेश होने के लिए कहा गया था. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आईपीसी की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) और 409 (किसी लोकसेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून (पीसीए) के प्रावधानों के तहत छह आरोपियों को कथित अपराधों के लिए समन दिया था.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी खुलकर मनमोहन सिंह के पक्ष में खड़ी दिख रही है. समन मिलने से दुखी सिंह ने कहा था, मैं सभी न्यायिक प्रक्रियाओं से गुजरने को तैयार हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि सच्चाई की जीत होगी. पूर्व प्रधानमंत्री को कोर्ट से समन मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'मनमोहन सिंह पर उच्चतम न्यायालय ने कोई टिप्पणी नहीं की थी. पिछली सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री ने पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया था. तथ्य और परिस्थितियां देखी जानी चाहिए, निचली अदालत के आदेश को देखने के बाद इस मामले पर हम निर्णय लेंगे.
इस मामले में दोषी ठहराए जाने पर आरोपियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. ये मामला 2005 में ओडिशा में तालाबीरा-2 कोयला ब्लाक आवंटन करने से जुड़ा है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार था. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मनमोहन सिंह कांग्रेस के किए गए पापों की सजा भुगत रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस पूरे मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर तो खुलकर हमले बोले लेकिन वह पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति नरम ही रही. सिंह उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ आए समन को निरस्त कर देगा.