जलवायु परिवर्तन पर कोपनहेगन शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने आज फ्रांस और ब्रिटेन के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की. सम्मेलन को सफल बनाना सुनिश्चित करने के लिये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी तथा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन के साथ अलग अलग बातचीत की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सिंह ने उनसे कहा कि कोपनहेगन सम्मेलन में भारत का बडा दांव है और वह उसके एक ‘‘संतुलित महत्वाकांक्षी तथा समान नतीजे ’’ की अपेक्षा करता है. प्रकाश ने कहा कि सिंह ने विकासशील देशों को पर्याप्त संसाधन एवं प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर जोर दिया जो जलवायु परिवर्तन से लडाई के लिये जरूरी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से भारत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. उन्होंने सारकोजी तथा ब्राउन को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत उनकी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी दी.
सिंह ने उन्हें सौर उर्जा जैसे अक्षय उर्जा पर भारत के जोर दिये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि कई देशों से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये प्रस्ताव मिले हैं जिन पर विचार किया जा रहा है.