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पीएम का एक और कार्यकाल चाहते हैं मनमोहन!

तीसरी बार भी प्रधानमंत्री बनने की संभावना से इनकार नहीं करने की ओर इशारा करने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को शुक्रवार को कांग्रेस के मंत्रियों ने बहुत महत्व नहीं दिया वहीं पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कह दिया कि लोगों की इच्छा है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

तीसरी बार भी प्रधानमंत्री बनने की संभावना से इनकार नहीं करने की ओर इशारा करने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान को शुक्रवार को कांग्रेस के मंत्रियों ने बहुत महत्व नहीं दिया वहीं पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कह दिया कि लोगों की इच्छा है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें.

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केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा, जिसका मतलब यह निकाला जाए कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं. शुक्ला ने कहा, ‘मेरे विचार से वह एक केंद्रित सवाल का जवाब दे रहे थे और उन्होंने कहा क्या है? उन्होंने केवल इतना कहा कि जब पुल आएगा तो हम फैसला करेंगे कि उसे कैसे पार किया जाए.’ उन्होंने कहा कि मीडिया सिंह के बयान को अलग तरह से पेश कर रहा है.

सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री एक ‘काल्पनिक’ प्रश्न का उत्तर दे रहे थे और उनके बयान की अनावश्यक व्याख्या करना जरूरी नहीं है.

कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का बयान बहुत स्पष्ट है. इस पर किसी सफाई की जरूरत नहीं है और 2014 तक मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री हैं.’ उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद नवनिर्वाचित पार्टी सांसद और कांग्रेस नेतृत्व फैसला करेगा कि प्रधानमंत्री कौन होगा.

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महत्वपूर्ण बात है कि अल्वी ने यह भी कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की दिली इच्छा है कि राहुलजी प्रधानमंत्री होने चाहिएं.’

मनमोहन सिंह के बयान पर भाजपा ने शुक्रवार उन पर कटाक्ष किया. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जो एक अनिच्छुक राजनेता हैं, ने होली के कुछ दिन बाद ही अपना असली राजनीतिक रंग दिखा दिया है.’ प्रधानमंत्री ने कल अपने बयान से ऐसा संकेत दिया था कि वह खुद को अगले लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर नहीं मानते.

संवाददाताओं ने गुरुवार को उनसे पूछा था कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उन्हें 2014 के चुनाव के बाद फिर से प्रधानमंत्री पद की पेशकश करेंगी तो क्या वह एक और कार्यकाल स्वीकार करेंगे, इस पर सिंह ने कहा था, ‘ये सब काल्पनिक सवाल हैं. हम उस पुल को तब पार करेंगे, जब उसपर पहुंचेंगे.’

भाजपा प्रवक्ता प्रसाद ने कहा, ‘क्या डा. मनमोहन सिंह की टिप्पणी कांग्रेस के अंदर उनके विरोधियों की ओर निशाना साधकर की गयी है या राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाती है.’ राहुल ने हाल ही में कहा था कि उनसे प्रधानमंत्री की दावेदारी के बारे में पूछना गलत प्रश्न होगा.

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हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि ‘सत्ता के दो केंद्रों’ का मॉडल ज्यादा सफल नहीं रहा है. उन्होंने सुझाया था कि अगर अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत हासिल कर लेती है तो राहुल गांधी को किसी को प्रधानमंत्री मनोनीत करने का विकल्प नहीं अपनाना चाहिए.

दिग्विजय ने कहा था, ‘मेरा मजबूती से मानना है कि जब समय आएगा और अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है या वह सरकार बनाने की स्थिति में होती है तो राहुल गांधी को आगे बढ़ना चाहिए.’

उन्होंने कहा था, ‘अगर कोई कांग्रेस नीत गठबंधन भी उभरता है तो वह (राहुल) गठबंधन राजनीति की पेचीदगियों को संभालने के लिए परिपक्व हैं। इसके अलावा जाहिर तौर पर हमारे पास वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने संप्रग को दो कार्यकाल सफलता से पूरा करने में मदद की है.’

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