मेरा नाम संजय है और डिग्री के नाम पर मैं बस 12वीं पास हूं. अपनी कहानी में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि आगे बढ़ने के लिए काबिलियत और लगन की जरूरत डिग्रियों से ज्यादा होती है.
बचपन में पारिवारिक हालात ऐसे थे कि मैंने पढ़ाई तो शुरू की लेकिन उसे आगे तक नहीं पहुंचा सका. 12वीं के बाद मुझे परिवार में हिस्सा बटाने के लिए नौकरी करनी पड़ी. मुझे मालूम था मेरे पास कोई बड़ी डिग्री नहीं इसलिए अच्छी नौकरी मिलना मुश्किल होगा. लिहाजा एक फाइनेंस कंपनी में मैंने काम किया.
वहां काम करने के दौरान मैं यही सोचता कि ये मेरा कॉलेज है, जिसमें मैं फाइनेंस से जुड़ी चीजें सीख रहा हूं. इस सोच ने मुझे कभी हारने नहीं दिया और मैं 4 साल तक वहां काम करता रहा. अपनी नौकरी से मैंने घर पर भी पैसों से मदद की और थोड़े पैसे भी बचाए. मेरी सालों की मेहनत और काम के अनुभव के बाद अपने एक करीबी दोस्त के साथ मिलकर बहुत छोटी खुद की फाइनेंस कंपनी खोली. जिसमें मेरी पार्टनरशिप, आइडियाज और रकम,दोनों की थी.
आखिरकार 2 वर्षों में हमारी मेहनत रंग लाने लगी. आज दिल्ली के साकेत में मेरी खुद की फाइनेंस कंपनी है और मैं लोगों की मदद करने के साथ उन्हें नौकरी दे सकता हूं.