रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने का अहम फैसला लिया है ताकि देश के लोग पाकिस्तान में करतारपुर आसानी जा सकें और गुरु नानद देव जी का दर्शन कर सकें.
Govt has made a very important decision - that of opening #KartarpurCorridor so that people of our nation can easily go to Kartarpur in Pakistan and visit the sacred place of Guru Nanak Dev: Prime Minister Narendra Modi in #MannKiBaat (file pic) pic.twitter.com/QJ8I1g3768
— ANI (@ANI) November 25, 2018
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभव साझा किए. एक वाकये को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'ये 1998 की बात है, मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था. मई का महीना था और मैं शाम के समय सफर करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठण्ड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिए रुका और जब मैं चाय के लिए ऑर्डर किया तो उसके पहले, वो बहुत छोटा सा ढाबा था, एक ही व्यक्ति खुद चाय बनाता था, बेचता था. ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही रोड के किनारे पर छोटा सा ठेला लगा के खड़ा था. तो उसने अपने पास एक शीशे का बर्तन था, उसमें से लड्डू निकाला, पहले बोला –साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए. मुंह मीठा कीजिए.'
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं भी हैरान हो गया तो मैंने पूछा क्या बात है कोई घर में कोई शादी-वादी कोई प्रसंग-वसंग है क्या. उसने कहा नहीं-नहीं भाईसाहब, आपको मालूम नहीं क्या? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है वो ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ! अरे बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया है. मैंने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है! मैं कुछ समझा नहीं! तो उसने कहा - देखिए साहब, रेडियो सुनिए. तो रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी. और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गई थी कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है.
प्रधानमंत्री कहा, 'जब ‘मन की बात’ शुरू किया था तभी मैंने तय किया था कि न इसमें राजनीति हो, न इसमें सरकार की वाह-वाही हो, न इसमें कहीं मोदी हो और मेरे इस संकल्प को निभाने के लिए सबसे बड़ा संबल, सबसे बड़ी प्रेरणा मिली आप सबसे. मोदी आएगा और चला जाएगा लेकिन यह देश अटल रहेगा, हमारी संस्कृति अमर रहेगी. 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी यह कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी. इस देश को नई प्रेरणा में उत्साह से नई ऊंचाइयों पर लेती जाती रहेंगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कभी-कभी मन की बात का मजाक भी उड़ता है लेकिन मेरे मन में हमेशा ही 130 करोड़ देशवासी बसे रहते हैं. उनका मन मेरा मन है. मन की बात सरकारी बात नहीं है, यह समाज की बात है. मन की बात महत्वाकांक्षी भारत की बात है.'
'मन की बात' में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत का मूल प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है. भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज शक्ति है. राजनीति सबकुछ हो जाए, यह स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छी व्यवस्था नहीं है. कभी-कभी राजनीतिक घटनाएं और राजनीतिक लोग इतने हावी हो जाते हैं कि समाज की अन्य प्रतिभाएं और पुरुषार्थ दब जाते हैं.'
रविवार का कार्यक्रम खास है क्योंकि प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो प्रोग्राम का यह 50वां एपिसोड है. ऑल इंडिया रेडियो पर सुबह 11 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कई अलग-अलग मुद्दों पर बात करेंगे और देश-दुनिया के लोगों को संबोधित करेंगे.
On 3rd October 2014, we began the journey of #MannKiBaat.
With your blessings, this journey completes 50 episodes tomorrow, of sharing joy, positivity and amplifying the power of collective efforts.
I hope you will enthusiastically tune in tomorrow for the 50th episode. pic.twitter.com/cykhwF4y2j
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2018
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इसके जरिये वे लोगों के मुद्दे उठाते हैं और इस पर अपनी राय भी जाहिर करते हैं. कई मुद्दों पर वे लोगों की राय भी जानते हैं. रेडियो पर प्रसारित होने वाले इस मासिक कार्यक्रम की शुरुआत अक्टूबर 2014 में हुई थी. अपने पहले प्रोग्राम में प्रधानमंत्री ने खादी के बारे में लोगों को जागरूक किया था और बढ़चढ़ कर खरीदारी करने की अपील की थी.
प्रधानमंत्री की अपील के बाद खादी की बिक्री में जबर्दस्त उछाल देखी गई. खादी उत्पादों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ गई थी. खादी में लोगों की दिनोंदिन दिलचस्पी बढ़ रही है. बीते 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में आईटी सेक्टर के महत्व की बात की थी. उन्होंने सेवा क्षेत्र में इसकी महत्ता के बारे में विस्तार से बताया था. इसी कार्यक्रम में उन्होंने सरदार पटेल के बारे में भी बात की थी और उनके एकता-अखंडता के नजरिये से लोगों को रूबरू कराया था. प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में पैदल सेना दिवस पर बात की थी और इससे जुड़े सैन्य बलों और उनके परिजनों को याद किया था.
28 अक्टूबर को मन की बात कार्यक्रम दिवाली से ठीक पहले आयोजित हुआ था जिसमें प्रधानमंत्री ने लोगों से देसी सामान खरीदने का आग्रह किया था ताकि छोटे-छोटे कारोबारियों, मेहनतकश मजदूरों को मदद मिल सके. उन्होंने किसानों से पराली न जलाने की भी गुहार लगाई थी ताकि वायु प्रदूषण पर हरसंभव रोक लगाई जा सके.
पूर्व में मन की बात कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी शामिल हो चुके हैं. वह एपिसोड 26 जनवरी 2015 को प्रसारित हुआ था. उस प्रोग्राम में बराक ओबामा ने अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभव साझा किए थे और बताया था कि उन्होंने जिंदगी के लक्ष्य कैसे हासिल किए. रविवार का 50वां एपिसोड ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के सभी नेटवर्क पर सुना जा सकेगा. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमो) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इसे लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से देखा जा सकता है.