मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम के तहत भारत और अमेरिका मिलकर एफ-16 और एफ-18 डील की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. अमेरिका के रक्षा मंत्री एश कार्टर 10-12 अप्रैल को भारत के दौरे पर आएंगे. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ उनकी मुलाकात में इस पर चर्चा के बाद भारत इस डील को कबूल कर सकता है.
होगा लॉजिस्टिक सपोर्ट सिस्टम एग्रीमेंट
कार्टर के तीन दिवसीय दौरे के दौरान भारत अमेरिका के साथ लॉजिस्टिक सपोर्ट सिस्टम एग्रीमेंट (एलएसए) पर भी दस्तखत कर सकता है. एलएसए के जरिए अमेरिकी जंगी शिप्स और आर्मी प्लेटफॉर्म्स भारत के डिफेंस का इस्तेमाल ईंधन भरने और दूसरे मदद के लिए कर सकते हैं. अमेरिका की ओर से जिन तीन समझौतों पर जोर दिया जा रहा है एलएसए उसमें से एक है.
INS विक्रमादित्य पर जाएंगे पर्रिकर-कार्टर
कार्टर के दौरे के दौरान पर्रिकर उन्हें कर्नाटक में करवर नेवी बेस में खड़े आईएनएस विक्रमादित्य पर ले जाएंगे. साथ ही पर्रिकर यूएस नेवल शिप्स के सातवें फ्लीट के यूएसएस ब्लू रिज में भी जाएंगे. बताया जा रहा है कि फ्रांस के साथ राफेल वाली डील न हो पाने के चलते भारत ये फैसला ले सकता है. बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी प्लेन बनाने वाली बड़ी कंपनियां भी भारत में प्रेजेंटेशन दे सकती हैं.