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मनोहर पर्रिकर की बीमारी सार्वजनिक करने की मांग करने वाली याचिका खारिज

बंबई उच्च न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की मेडिकल जांच कराने और उनकी बीमारी को जानकारी सार्वजनिक करने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज कर दी. पर्रिकर अग्नाशय संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं और वह अक्टूबर से ज्यादातर समय अपने घर में ही हैं.

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मनोहर पर्रिकर (फोटो- पीटीआई)
मनोहर पर्रिकर (फोटो- पीटीआई)

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बंबई उच्च न्यायालय ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की मेडिकल जांच कराने और उनकी बीमारी को जानकारी सार्वजनिक करने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज कर दी. पर्रिकर अग्नाशय संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं और वह अक्टूबर से ज्यादातर समय अपने घर में ही हैं.

न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के. चव्हाण और न्यायमूर्ति आरएम बोरडे ने इस याचिका को एक व्यक्ति की निजता के क्षेत्र में गंभीर हस्तक्षेप करने की आधी अधूरी कोशिश बताया.

याचिकाकर्ता त्रजानो डी मेल्लो ने पर्रिकर के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्होंने यह मांग की थी कि डॉक्टरों की एक टीम उनकी जांच करे और एक रिपोर्ट सौंपे, जो सार्वजनिक की जाए.

अदालत ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारी महज अपने खराब स्वास्थ्य के आधार पर संवैधानिक पद पर रहने में अक्षम नहीं हैं, जिस पद पर वह विधानसभा में साबित बहुमत के बूते हैं. साथ ही, कोई भी व्यक्ति जिसके राजनीतिक हित हैं वह राजनीतिक सत्ता से उन्हें बेदखल करने के लिए एक लोकतांत्रिक तरीके का इस्तेमाल कर सकता है.

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पीठ ने यह भी कहा कि याचिका के जरिए मुख्यमंत्री को कार्यवाही में पक्षकार बनाए बगैर काफी निजी और गोपनीय सूचना मांगी गई है जो उनकी निजता के बारे में है. उन्होंने कहा , 'यह स्वीकार्य नहीं है.'

गौरतलब है कि पर्रिकर (62) ने इस साल की शुरूआत में करीब तीन महीने तक अमेरिका में इलाज कराया था. वह 14 अक्टूबर से अपने घर से ही राज्य का प्रशासनिक कामकाज कर रहे हैं, जब उन्हें नई दिल्ली एम्स से छुट्टी दी गई थी.

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