गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता को हमेशा से सेवा का माध्यम माना. उन्होंने उंगली थामकर हमें बहुत कुछ सिखाया है. ईरानी ने कहा कि वह गोवा का अभिमान थे और उन्होंने गोवा की सेवा की है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संघर्ष कितना भी बड़ा हो लेकिन वह अंतिम क्षण तक गोवा की सेवा में लगे रहे.
स्मृति ने कहा कि पर्रिकर का पूरा जीवन गोवा को समर्पित था और उनका जाना देश और गोवा के लिए बहुत बड़ी क्षति है. ईरानी ने कहा कि वह सादगी की मिसाल थे और मंत्रालयों की बैठकों तक में वह चप्पल पहनकर खड़े रहते थे. ईरानी ने बताया कि रक्षा मंत्री बनने के बाद किचन में पर्रिकर ने दो नई प्लेटें तक नहीं खरीदी थीं, ऐसा सादगी भरा उनका जीवन था.
ईरानी ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन सिर उठाकर जिया और इसका गर्व है वह अपने उसूलो पर हमेशा चले. वह कठित हालात में भी चट्ठान की तरह हमेशा खड़े रहे.
गडकरी ने ऐसे किया याद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि मनोहर पर्रिकर का निधन देश के लिए क्षति है. उन्होंने अपना पूरा जीवन गोवा और बीजेपी के समर्पित कर दिया. उनका पूरा जीवन सादगी से भरा रहा. पर्रिकर पूरे जीवन जमीन से जुड़े रहे है आईआईटी इंजीनियर, मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री बनने के बाद भी उन्होंने अपने स्वभाव को नहीं बदला.
नितिन गडकरी ने उन्होंने याद करते हुए कहा कि वो बहुत ही सुस्पष्ट नेता थे उनका विजन बहुत स्पष्ट था. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिल्ली बुलाया तो वो दिल्ली नहीं आना चाहते थे, लेकिन बाद में ज्यादा आग्रह होने पर उन्होंने रक्षा मंत्री का पदभार सम्भाला. उनके साथ बिताए गए क्षणों को याद करते हुए नितिन गडकरी भावुक हो गए.
मनोहर पर्रिकर का निधन गोवा के लिए बहुत बड़ी क्षति है. उन्होंने खुद को गोवा को समर्पित कर दिया. वो हमेशा गोवा के विकास की बात करते थे. उन्होंने गोवा की समस्या को अपनी निजी समस्या माना. और जीवनभर गोवा के उत्थान के लिए काम करते रहे. कैंसर होने के बावजूद गोवा के मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी को सम्भाला. बीजेपी को आगे बढ़ाने में मनोहर पर्रिकर का योगदान अतुलनीय है.
बता दें कि मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम यहां निधन हो गया. वह पिछले एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे. पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था. उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रिकर के निधन पर गहरा शोक जताया है.
रक्षा मंत्री ने जताया शोक
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, 'श्री मनोहर पर्रिकर नहीं रहे. एक बुद्धिमान, ईमानदार और संवेदनशील राजनीतिक कार्यकर्ता. सरल और जमीनी थे, मैंने श्री पर्रिकर से काफी कुछ सीखा. रक्षामंत्री के रूप में सशस्त्र बलों को एक आधुनिक, चुस्त-दुरुस्त लड़ाकू मशीन बनाने में उनका योगदान अद्वितीय बना रहेगा.'
Shri Manohar Parrikar is no more. A sincere, honest & sensitive political activist. Was simple and down to earth, I learnt a lot from Shri.Parrikar. As Raksha Mantri his contribution to making the armed forces a modernised, lean & mean fighting machine will remain unparalleled.
— Chowkidar Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) March 17, 2019
पर्रिकर के निधन से दुखी हूं: प्रभु
केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया, 'मेरे अच्छे मित्र मनोहर पर्रिकर जी के असमय निधन से अत्यंत दुखी हूं. निष्कलंक सत्यनिष्ठा का प्रतीक, एक जमीनी व्यक्तित्व, पहला आईआईटीयन किसी राज्य का मुख्यमंत्री बना. भारत का महान सपूत बहुत जल्द चला गया. आपकी आत्मा को शांति मिले मेरे प्रिय मित्र.'
Extremely saddened by the untimely demise of my good friend Manohar Parrikar ji. An epitome of impeccable integrity, a down to earth personality, the first IITian to become CM of a state, great son of India gone too soon... RIP my dear friend...
— Chowkidar Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) March 17, 2019
राहुल बोले- गोवा का चाहेता
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें ‘गोवा का चहेता बताया.’ उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी लोग पर्रिकर का मान-सम्मान करते थे और बड़े साहस से वह एक साल तक बीमारी से लड़ते रहे.
गांधी ने ट्वीट किया है, ‘‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना से मैं बहुत दुखी हूं. वह एक साल तक पूरे साहस से अपनी बीमारी से लड़ते रहे. दलगत राजनीति से इतर सभी उनका मान-सम्मान करते थे और वह गोवा के सबसे लोकप्रिय बेटों में से एक थे. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजन के साथ हैं.’’
I am deeply saddened by the news of the passing of Goa CM, Shri Manohar Parrikar Ji, who bravely battled a debilitating illness for over a year.
Respected and admired across party lines, he was one of Goa’s favourite sons.
My condolences to his family in this time of grief.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 17, 2019
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'श्री मनोहर पर्रिकर के शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदना. मैं उनसे सिर्फ एक बार मिली थी, जब दो साल पहले वह अस्पताल में मेरी मां से मिलने आए थे. उनकी आत्मा को शांति मिले.'
My condolences to the bereaved family of Shri. Manohar Parrikar. I met him only once, when he graciously visited my mother at the hospital two years ago. May his soul rest in peace.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 17, 2019
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन से शोकाकुल हूं. मेरी गहरी संवेदनाएं उनके परिजन के साथ हैं... ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.’
Deeply saddened by the demise of Shri Manohar Parrikar ji, Chief Minister of Goa. My heartfelt condolences to his family members..May his soul rest in peace.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 17, 2019
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना से बहुत दुखी हूं. उनका स्वभाव मित्रवत था और सभी उनका सम्मान करते थे. मेरी संवेदनाएं उनके परिजन और मित्रों के साथ है.’
Sad to learn about the passing away of Shri Manohar Parrikar, CM of Goa.
He was a cordial man, who was admired across party lines.
My deepest condolences to his family and friends.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 17, 2019
पर्रिकर का रविवार को उनके निजी आवास में निधन हो गया. वह 63 वर्ष के थे. उनके परिवार में दो पुत्र और उनका परिवार है. पिछले एक साल से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था.