रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि सैनिकों से कहा जाना चाहिए कि वे अपने प्राण देने की बजाय दुश्मनों को मारें.
पर्रिकर ने कहा, 'यह कहा गया है कि सैनिक देश के लिए अपने प्राण देने को तैयार रहता है. मैं इसके खिलाफ हूं. क्यों मारे जाएं? मारे नहीं जाइये. दुश्मन को मार गिराइये. एक वर्ष का रिकॉर्ड देखिये और आप (निर्देश का) परिणाम देखेंगे.' पर्रिकर प्रदेश बीजेपी द्वारा यहां उनके 60वें जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
भारत-म्यांमार सीमा पर अभियान का जिक्र
इस वर्ष के शुरू में म्यांमार में देश की ओर संचालित उग्रवाद निरोधक अभियान का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा , 'भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर हमने तीन घंटे के भीतर एक बैठक बुलाई. मुझे (गृहमंत्री) राजनाथ सिंह का समर्थन था.' उन्होंने कहा, 'म्यांमार संकट के बाद हमने तीन घंटे के भीतर एक बैठक की और पूरे अभियान को गुप्त रखा गया. आधिकारिक बयान के अनुसार हमने भारत-म्यांमार सीमा पर अभियान संचालित किया. लेकिन हर किसी को इसके मायने निकाल लेने चाहिए.'
चेन्नई में सेना और वायुसेना के काम की तारीफ
पर्रिकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चेन्नई में बाढ़ के दौरान रक्षा बलों की भूमिका की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सेना और वायुसेना के बीच समन्वय बहुत सराहनीय था. उन्होंने कहा, ‘जब चेन्नई में भीषण बारिश हो रही थी, मैंने समन्वय किया और यह सुनिश्चित किया कि सेना और वायुसेना वहां तत्काल पहुंचे. दोनों के बीच समन्वय सराहनीय था.’ इस बीच कांग्रेस ने कहा कि ‘शानदार’ कार्यक्रम चेन्नई बाढ़ पीड़ितों के प्रति बीजेपी की ‘असंवेदनशीलता’ दिखाता है.
कांग्रेस ने आयोजन पर उठाए सवाल
प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रवक्ता सुनील कवथांकर ने कहा, ‘हमारी ओर से प्रधानमंत्री सहित बीजेपी के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व से किए गए अनुरोधों के बावजूद शहर में शानदार जन्मदिन कार्यक्रम आयोजित किया गया.’ उन्होंने कहा, ‘यह बीजेपी नेताओं की चेन्नई बाढ़ पीड़ितों और देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण देने वाले वीरों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाता है.’ इसके पहले भी एक कांग्रेस नेता ने कहा, 'पाकिस्तान की ओर से अब तक करीब 900 बार सीजफायर उल्लंघन हो चुका है. सेना के जवान और आम नागरिक मारे जा रहे हैं. चेन्नई के बाढ़ पीड़ितों और गोवा में खनन कार्य बंद होने के बाद बड़ी संख्या में लोग रोजगार खो चुके हैं. पर्रिकर को सोचना चाहिए कि क्या वह खुद इस सम्मान के लायक हैं.'
पर्रिकर ने पत्नी को याद किया
कार्यक्रम के दौरान मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, आयुष मंत्री श्रीपद नाइक, गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर मौजूद थे. इस मौके पर पर्रिकर ने अपनी पत्नी मेधा को याद किया. पर्रिकर के पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही समय पहले मेधा का बीमारी के चलते 2001 में निधन हो गया था.
पत्नी की याद में रक्षा मंत्री ने गाया गाना
रक्षा मंत्री ने हिन्दी गीत ‘जब तुम होगे 60 साल के’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘जो (मेधा) आज 55 की होती वह मुझे 40 साल में ही छोड़ गईं.’ उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें उनकी पत्नी नहीं होने का अहसास कभी नहीं होने दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं आज इस पद पर लोगों के प्यार की वजह से हूं.’ गडकरी ने पर्रिकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह राजनीति ‘सामाजिक राजनीतिक सुधार लाने के साधन के तौर पर कर रहे हैं.’