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जब शपथ लेते हुए अटक गए ये मंत्री, राष्ट्रपति ने कहा-'मैं' भी बोलिए

मनसुख मांडविया और फग्गन सिंह कुलस्ते पद और गोपनीयता की शपथ लेने के दौरान अपने नाम से पहले मैं लगाना भूल गए. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुरंत भूल सुधार कराया और दोनों मंत्रियों से दोबारा अपने नाम के साथ मैं जोड़ने को कहा.

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पद और गोपनीयता की शपथ लेते फग्गन सिंह कुलस्ते (ANI)
पद और गोपनीयता की शपथ लेते फग्गन सिंह कुलस्ते (ANI)

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नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली. शपथ समारोह में एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला. मनसुख मांडविया और फग्गन सिंह कुलस्ते पद और गोपनीयता की शपथ लेने के दौरान अपने नाम से पहले मैं लगाना भूल गए. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुरंत भूल सुधार कराया और दोनों मंत्रियों से दोबारा अपने नाम के साथ मैं जोड़ने को कहा. राष्ट्रपति यह कहते हुए सुने गए कि मंत्री जी अपने नाम के साथ मैं लगाइए.

मनसुख मांडविया वही नेता हैं जिन्हें संसद में साइकिल से जाने  के लिए जाना जाता है. इस बार उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया है. मांडविया ने साइकिल से शपथ ग्रहण में जाने के बारे में कहा, 'मेरे लिए साइकिल पर शपथ ग्रहण में जाना कोई फैशन नहीं है बल्कि यह मेरा पैशन है. मैं संसद में हमेशा साइकिल पर सवार होकर जाता रहा हूं. यह पर्यावरण के हित में है. इससे ईंधन की बचत होती है और इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है.'

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शपथ समारोह में राष्ट्रपति ने जिन दूसरे नेता से भूल सुधार कराया उनका नाम है फग्गन सिंह कुलस्ते. कुलस्ते मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से छठी बार जीते हैं. कुलस्ते को इस बार फि‍र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है. वे पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. कुलस्‍ते पार्टी का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं. कुलस्ते का विवादों से भी नाता रहा है. कुलस्ते ने ही संसद में नोंटों का बंडल लहराया था. मंडला चुनाव में कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल मरावी को 97 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. कुलस्ते ने मतगणना के शुरुआती दौर से ही बढ़त बना ली थी.

दो और मंत्री रहे जिन्हें राष्ट्रपति ने भूल सुधार कराया. बिहार से सांसद नित्यानंद राय जब शपथ ले रहे थे तब वे अक्षुण्ण नहीं बोल पाए. राष्ट्रपति ने तुरंत उन्हें रोक कर अक्षुण्ण बोलने को कहा. इसके बात रतन लाल कटारिया भी पद और गोपनीयता की शपथ लेते वक्त गलती करते दिखे. वे अपने शपथ संबोधन में 'सभी प्रकार के लोगों' कहना भूल गए. राष्ट्रपति ने उन्हें रोक कर भूल सुधार कराया.

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