मंथन आजतक 2017 के आठवें सत्र 'यन्गिस्तान का दम' में कांग्रेस नेता परणीति शिंदे औऱ बीदेपी सांसद पूनम महाजन ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन साहिल जोशी ने किया.
परिवार का फायदा सिर्फ लॉन्चिंग तक सीमित?
इस सत्र के शुरुआत में सवाल पूछा गया कि क्या परिवार का फायदा राजनीति शुरू करने में मिलता है? इस सवाल के जवाब में पूनम महाजन ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि यदि किसी नेता का बेटा या बेटी राजनीति में आना चाहे तो पिता का फायदा उसे मिलता है. उसकी राजनीति में शुरुआत आसान होती है और राजनीतिक हल्कों में उसे पहचान बनाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वह पिता के नाम के साथ उसे विरासत में मिल जाती है. हालांकि पूनम ने कहा कि इस शुरुआती फायदे के बाद लोगों को अपनी मेहनत और लगन से ही राजनीति की आगे की सीढ़ी चढ़ने में मदद मिलती है.
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जरूरी नहीं राहुल गांधी चुने जाएं नए अध्यक्ष?
वहीं कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटी और कांग्रेस नेता परणीति शिंदे का कहना है कि उन्हें राजनीति में शुरुआत करने के लिए जमीनी स्तर से ठीक उसी तरह से शुरूआत करनी पड़ा जैसा कोई भी आम कार्यकर्ता करता है. वहीं पार्टी में परिवारवाद पर शिंदे ने कहा कि पार्टी के अंदरूनी चुनाव होने जा रहे हैं. पूरी पार्टी अपने लिए नया नेतृत्व चुनने जा रही है. इन चुनावों में कोई जरूरी नहीं है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के अगले अध्यक्ष चुने जाएं.
ग्रामीण इलाकों में युवाओं को बेहतर राजनीतिक समझ
परणीति शिंदे ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र को अपनी राजनीतिक जमीन बनाई है. साथ ही शिक्षा के दौरान मुंबई शहर को देखा है, शहर के कॉलेजों को देखा है. शिदें के मुताबिक वह अपने एक्सपीरिएंस से कह सकती हैं कि ग्रामीण इलाकों की राजनीतिक समझ शहरी इलाकों में युवाओं से ज्यादा विकसित है. वहीं शिंदे ने कहा कि सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव इसलिए नहीं हैं क्योंकि वह रूरल एरिया में राजनीति कर रही हैं और ज्यादातर लोगों को सोशल मीडिया का एक्सेस नहीं है.
गांव में युवा अपने नेताओं का कर रहे अध्ययन
हालांकि पूनम महाजन का मानना है कि चीजे बहुत तेजी से बदल रही है. अब यह कहना कि ग्रामीण इलाकों में लोग कनेक्टेड नहीं है यह गलत है. आज देश के हर कोने में लोग मोबाइल से जुड़ा है. गांव का युवा न सिर्फ मोबाइल के जरिए यह देख रहा है कि उसका नेता क्या कर रहा है बल्कि उसकी तुलना करता है कि अमेरिका और यूरोप के नेता अपने वोटर के लिए क्या कर रहे हैं.
लोकसभा में असहिष्णुता?
पूनम महाजन ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की असहिष्णुता देखने को मिलती है. जिस तरह से कांग्रेस के पास महज मुठ्ठी भर सांसद हैं लेकिन हर छोटे-मोटे मुद्दे पर उसके सांसद हंगामा करने के लिए तैयार रहते हैं. पूनम के मुताबिक विपक्ष के इस रुख का बुरा असर युवा नेताओं पर पड़ता है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में मुद्दों से भटक कर महज विरोध की संसद में देखने को मिलेगी.