जेसिका लाल हत्या मामले के दोषी मनु शर्मा ने पैरोल की अवधि खत्म होने से पहले ही तिहाड़ जेल जाकर सरेंडर कर दिया.
नाइट क्लब में दिखा था
पैरोल के दौरान वह एक नाइट क्लब में देखा गया था, जिससे यह मामला तूल पकड़ने लगा. 'मेल टुडे' को मिली जानकारी के मुताबिक मनु शर्मा को न सिर्फ गलत आधार पर पैरोल दिया गया, बल्कि इसके जरिए उसके पिता और कांग्रेसी उम्मीदवार विनोद शर्मा को चुनाव में मदद भी पहुंचाई गई. यह सिर्फ इत्तेफाक नहीं था कि मनु शर्मा की रिहाई विनोद शर्मा के नॉमिनेशन के एक दिन पहले हुई.
पैरोल के लिए बनाए बहाने
जेसिका लाल का हत्यारा मनु शर्मा राजधानी के बार और नाइट क्लबों में अय्याशी के लिए आजाद था. वह पैरोल पर चुनाव प्रचार कर रहा था. उसे पैरोल अपनी बूढ़ी मां की देखरेख के लिए दी गई थी. मनु शर्मा के पैरोल के लिए दूसरा बहाना बनाया गया कि उसे अपनी दादी के अंतिम संस्कार में शामिल होना है, लेकिन 'मेल टुडे' को मिली जानकारी के मुताबिक मनु शर्मा की दादी का देहांत अप्रैल 2008 में ही हो गया था.