लोकपाल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट की आलोचना करने पर टीम अन्ना को आड़े हाथों लेते हुए समिति के अध्यक्ष अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जिन लोगों की राय उनसे नहीं मिलती उन पर निशाना साधना लोकतंत्र को नहीं मानने के समान है.
सिंघवी ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि टीम अन्ना असहिष्णुता के चरम स्वरूप को अपना रही है. वे जिस बात पर शत प्रतिशत सहमत नहीं होते उस पर निजी हमला करते हैं.
उन्होंने कहा कि यह अपने आप में लोकतंत्र का उल्लंघन है क्योंकि टीम अन्ना ने फैसला किया है कि देश में कोई भी चाहे संसदीय समिति हो, संसद हो या कैबिनेट हो, कोई भी उनसे असहमति नहीं जता सकता.
जाने-माने वकील और कांग्रेस के प्रवक्ता सिंघवी ने कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक है.’ सिंघवी ने यह टिप्पणी समिति की रिपोर्ट पर अन्ना हजारे के आज हुए हमले के बाद और उनके रविवार को होने वाले अनशन से पहले की है.