scorecardresearch
 

संसद से गैर हाजिर रहने वाले सांसदों में सचिन-रेखा का रिकॉर्ड भी खराब

संसद में एक तरफ जहां नोटबंदी को लेकर संग्राम जारी है, वहीं दूसरी तरफ देश के मनोनीत सांसद सदन से लगातार गायब दिख रहे हैं. भले ही बात क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की हो या फिर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री रेखा की, ज्यादातर मनोनीत सांसदों के नाम संसद के अटेन्डेंस रजिस्टर से गायब दिखे.

Advertisement
X
सचिन तेंदुलकर और रेखा
सचिन तेंदुलकर और रेखा

Advertisement

संसद में एक तरफ जहां नोटबंदी को लेकर संग्राम जारी है, वहीं दूसरी तरफ देश के मनोनीत सांसद सदन से लगातार गायब दिख रहे हैं. भले ही बात क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की हो या फिर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री रेखा की, ज्यादातर मनोनीत सांसदों के नाम संसद के अटेन्डेंस रजिस्टर से गायब दिखे.

साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान देने वाली हस्तियों को संसद का मनोनीत सदस्य बनाया जाता है लेकिन उनमें से कुछ ही यहां होने वाली चर्चाओं और बहस में हिस्सा लेते हैं. इस बार लोकसभा से भी कई हस्तियां नदारद थी.

संसद की वेबसाइट पर मौजूद अटेन्डेंस रिकॉर्ड के मुताबिक सचिन तेंदुलकर, रेखा, एक्टर चिरंजीवी और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह की उपस्थिति का रिकॉर्ड सबसे खराब रहा.

ज्यादातर सभाओं में नहीं लिया हिस्सा
मानसून सत्र के दौरान 20 बैठकों में से तेंदुलकर सिर्फ 3 सभाओं में ही शामिल हुए और मौजूदा शीतकालीन सत्र की 13 बैठकों में सिर्फ एक बार पहुंचे. मानसून सत्र की 20 बैठकों में साउथ सुपरस्टार चिरंजीवी और बॉलीवुड दीवा रेखा ने भी सिर्फ एक-एक बार ही हिस्सा लिया. मौजूदा शीतकालीन सत्र को लेकर उनकी अटेन्डेंस उपलब्ध नहीं है. बॉलीवुड एक्ट्रेस और मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी का अटेन्डेंस रिकॉर्ड भी बहुत अच्छा नहीं है. पिछले मानसून सत्र में रेखा की उपस्थिति सिर्फ 36 फीसदी थी.

Advertisement

अटेन्डेंस के मामले में ये हस्तियां रहीं अव्वल
दूसरी तरफ कुछ हस्तियां ऐसी भी हैं, जिन्होंने संसद के सत्र को गंभीरता से लिया है. व्यवसायी अनु आगा, बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम और एक्ट्रेस रूपा गांगुली ने इस मामले में बाजी मारी है. संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र की 13 बैठकों में से अनु आगा 10 में उपस्थित रहीं तो मैरी कॉम और रूपा गांगुली ने एक भी सेशन नहीं छोड़ा.

एक बीजेपी नेता ने कहा कि आम लोगों तक अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए हस्तियां किसी भी मुद्दे को दमदार तरीके से उठा सकती हैं लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. बीजेपी नेता ने कहा, 'सितारे एक मजबूत सामाजिक विचार बना सके हैं और लोगों तक अपनी बड़ी पहुंच के दम पर किसी भी मुद्दे पर बाकी सांसदों के मुकाबले ज्यादा जोर दे सकते हैं. दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है. क्या आपने सदन में किसी भी हस्ती की तरफ से नोटबंदी का मुद्दा उठता देखा है?'

कई हस्तियां रहीं मुखर
हालांकि जया बच्चन, शबाना आजमी और जावेद अख्तर जैसे सितारे देश से जुड़े कई मुद्दों को उठाने और खुलकर अपने विचार साझा करने को लेकर प्रशंसा बटोर चुके हैं.

Advertisement
Advertisement