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सत्ता पक्ष में ही कई लोग ‘अर्ध माओवादी’ हैं: भाजपा

संसद में भाजपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष में ही कई लोग ‘अर्ध माओवादी’ हैं, इसीलिए नक्सलवाद से लड़ने में सरकार और कांग्रेस विभाजित नजर आ रही है जिसके चलते गृह मंत्री पी चिदंबरम के प्रति विरोध के स्वर उठ रहे हैं.

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संसद में भाजपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष में ही कई लोग ‘अर्ध माओवादी’ हैं, इसीलिए नक्सलवाद से लड़ने में सरकार और कांग्रेस विभाजित नजर आ रही है जिसके चलते गृह मंत्री पी चिदंबरम के प्रति विरोध के स्वर उठ रहे हैं.

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दंतेवाड़ा में माओवादियों द्वारा सीआरपीएफ कर्मियो के नरसंहार पर लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने सवाल किया, ‘नक्सलियों से लड़ने के मामले में जहां विपक्ष सरकार के साथ है, वहीं क्या कांग्रेस और संप्रग भी इस लड़ाई में सरकार के साथ है?’

उधर राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने नक्सलियों से निबटने में संप्रग सरकार तथा मुख्य सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अंदर एक राय नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ गठबंधन में कुछ ‘अर्ध माओवादी’ हैं जिनकी सहानुभूति माओवादियों के साथ है.

जेटली ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह , मणिशंकर अय्यर और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी का इस संदर्भ में सीधे नाम लिए बिना कहा कि नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाले सरकार में शामिल हैं. जेटली ने मीडिया में नक्सलियों का कथित पक्ष लेने वाले कथित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी आड़े हाथों लिया.

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सिन्हा ने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम का समर्थन करते हुए दिग्विजय सिंह की उन टिप्पणियों की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा है कि चिदंबरम नक्सली समस्या से कानून व्यवस्था के नजरिये से निपटने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा करके दिग्विजय ने ‘माओवादियों की समस्या से निपटने की सरकार की पूरी नीति को चुनौती दी है.’

उन्होंने कहा, जब एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस का एक पदाधिकारी इस तरह की चुनौती दे तो वह न सिर्फ गृह मंत्री को, बल्कि पूरी सरकार को चुनौती दे रहे हैं.’ तृणमूल कांग्रेस का जाहिरा तौर पर संदर्भ देते हुए सिन्हा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन खुद ही एकजुट नहीं है. उन्होंने कहा, ‘सत्तारूढ़ गठबंधन गंभीर रूप से बंटा हुआ है. इस गठबंधन में ऐसे कुछ लोग हैं जो सरकार की नीति को चुनौती दे रहे हैं.’

सिन्हा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के चुनाव जीतने के लिए उसने नक्सलवादियों से हाथ मिलाया. उनकी इस टिप्पणी का सत्ता पक्ष की ओर से कड़ा प्रतिवाद हुआ और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, सदन के नेता प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस के अन्य सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा करते नजर आये.

इस बीच, सिन्हा को यह कहते सुना गया कि उन्होंने अब तक तो संयम बरता है और अगर उन्हें मजबूर किया गया तो वह हर कांग्रेस सदस्य से निपटेंगे. सिन्हा की ऐसी तीखी टिप्पणियों के कारण सदन में हुए हंगामे के चलते कई बार बैठक स्थगित करनी पड़ी.

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